इक्डोल भवन की छत बनाने में ही खर्च डाले 30 लाख

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इक्डोल भवन की उपरी छत का निर्माण 30 लाख रूपये में हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Feb 2019 08:50 AM (IST) Updated:Mon, 11 Feb 2019 08:50 AM (IST)
इक्डोल भवन की छत बनाने में ही खर्च डाले 30 लाख
इक्डोल भवन की छत बनाने में ही खर्च डाले 30 लाख

अजय बन्याल, शिमला

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इक्डोल केंद्र के भवन की छत का निर्माण 30 लाख रुपये में हुआ। विवि में इस छत निर्माण में खर्च लागत से हर कोई सुनकर दंग है। 30 लाख से बड़ा भवन तैयार हो जाता है। वहीं, छत बनाने पर ही इतनी राशि खर्च करना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। लोहे की चादरों से बनी छत के लिए विवि प्रशासन ने टेंडर के माध्यम कार्य करवाया है।

यह जानकारी सूचना का अधिकार के माध्यम से मिली है। इसके मुताबिक विवि के निर्माण शाखा ने टेंडर आमंत्रित किया था। इसमें तीन ठेकेदारों ने हिस्सा लिया था। उदयवीर ¨सह ने एक करोड़ पांच लाख 785 रुपये, सुधीर ठाकुर ने 36 लाख 22 हजार 544 और दीपेंद्र पाल ¨सह ने 33 लाख, 56 हजार 372 रुपये भरे थे। टेंडर खुले तो दीपेंद्र पाल सिंह को कार्य आवंटित कर दिया। विवि निर्माण मंडल ने दीपेंद्र ¨सह के साथ चर्चा के बाद 26 लाख, 92 हजार 762 रुपये में कार्य दे दिया, जबकि विवि प्रशासनिक एवं व्यय स्वीकृति 29 लाख 32 हजार 400 रुपये हुई थी। चार माह 15 दिन की समय अवधि निर्माण को तय की गई थी। छत के निर्माण में सामग्री कहां से लाई गई इसके बारे में कोई भी रिकॉर्ड नहीं है। यहां तक की लाखों रुपये के निर्माण पर विवि प्रशासन ने कोई भी निगरानी कमेटी भी नहीं बनाई थी। निर्माण मंडल का तर्क है कि कार्य टेंडर प्रक्रिया से हुआ है। ऐसे में गुणवत्ता का ध्यान रखकर ही कार्य होता है। अभी 26 दिसंबर 2018 को एकमुश्त बिल में 26 लाख 28 हजार 929 रुपये का भुगतान ठेकेदार को किया जा चुका है।

दो ठेकेदारों का पता एक ही

इस निर्माण कार्य में जब टेंडर हुआ तो दो ठेकेदारों का पता एक ही भवन का बताया गया है। दीपेंद्र पाल सिंह आरओ प्रेम कॉटेज लोअर कैथू शिमला तीन और उदय सिंह ने भी आरओ प्रेम कॉटेज लोअर कैथू टेंडर में पता दिया था। उदय ने एक करोड़ से अधिक कीमत छत निर्माण की भरी थी। एक ही भवन में रहने वाले दोनों ठेकेदारों के कार्य दरों तीन गुणा का अंतर होना भी गले से नीचे नहीं उतर रहा है।

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विवादों में रहा है इक्डोल

अभी हाल ही में इक्डोल केंद्र में प्रॉस्पेक्टस खरीद घोटाले का मामला सामने आया था। दैनिक जागरण ने इस मामले को उठाया था। इसी के बाद विवि प्रशासन ने जब जांच की तो एक करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया था। इस मामले में संलिप्त कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया। वहीं मामले में एफआइआर दर्ज हो चुकी है।

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मेरे ध्यान में मामला नहीं है। इसके बारे में पता करूंगा कि इक्डोल की छत का निर्माण कार्य कैसे हुआ है। कितना खर्च हुआ और कितना नहीं हुआ है। उसके बाद ही कुछ कह पाऊंगा। अगर ऑडिट में कोई आपत्ति लगी है तो उसके बारे में जानकारी लेने के बाद ही कुछ कह सकता हूं।

-प्रो. राजेंद्र चौहान, प्रति कुलपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला।

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