Himachal weather Update: हिमाचल में बढ़ रही है ठंड, पारा लुढ़कने से जमने लगी झीलें

Himachal weather Update हिमाचल के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी के कारण तापमान में लगातार गिरावट आ रही है जिससे ठंड बढ़ रही है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Thu, 31 Oct 2019 08:09 AM (IST) Updated:Thu, 31 Oct 2019 08:09 AM (IST)
Himachal weather Update: हिमाचल में बढ़ रही है ठंड, पारा लुढ़कने से जमने लगी झीलें
Himachal weather Update: हिमाचल में बढ़ रही है ठंड, पारा लुढ़कने से जमने लगी झीलें

शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेशभर में बुधवार को दिनभर बादल छाए रहे। कहीं पर भी बारिश नहीं हुई। सुबह और शाम की ठंड लगातार बढ़ रही है। शिमला से ठंडा सोलन हो गया है। सोलन में न्यूनतम तापमान 10.0, जबकि शिमला में 10.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम विभाग ने 31 अक्टूबर और एक नवंबर को प्रदेश में मौसम के साफ रहने की संभावना जताई है। जबकि दो और तीन नंवबर को प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में एक दो स्थानों पर बर्फबारी  और मैदानी क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। पहाड़ों के साथ मैदानी क्षेत्रों में भी न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट आ रही है।

प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री तक की गिरावट आई है। कल्पा में अधिकतम तापमान में तीन डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। केलंग में सबसे कम तापमान 2.0, जबकि अधिकतम तापमान ऊना में 30.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

पारा लुढ़कने से जमने लगी झील

प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी के बाद पारा  शून्य के नीचे चला गया है। तापमान में गिरावट के कारण लाहुल स्पीति, कुल्लू, किन्नौर और चंबा जिलों के पहाड़ों की झीलें जमना शुरू हो गई हैं। 12 हजार से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सभी झीलें व झरने जमने लगे हैं। लाहुल घाटी की 14091 फीट ऊंची ढंखर झील सहित देश व दुनिया के ट्रैकरों की पहली पसंद 14190 फीट ऊंची चन्द्रताल  झील, लेह मार्ग पर स्तिथ 15840 फीट ऊंची सुरजताल झील और पटन घाटी की 14000 हजार फीट ऊंची नीलकंठ झील भी तापमान लुढ़कने से जमने लगी है।

इसी तरह रोहतांग के समीप स्थित दशहर झील, मनाली रोहतांग के समीप दशोहर झील व भृगु झील भी जम गई है। हालांकि पिछले साल की तुलना में पहाड़ों पर अभी भारी मात्रा में बर्फ नहीं गिरी है लेकिन तापमान लुढ़कने से झीलें जमने लगी है।

तापमान के लुढ़कते ही लाहुल घाटी में सर्दी ने दस्तक दे दी है। दूसरी ओर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रोज हो रही बर्फबारी से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग पर भी पारा गिरते ही पानी जमने लगा है। यह मार्ग 15 अक्टूबर को प्रशासनिक तौर पर बंद हो गया था लेकिन मौसम साफ रहने से बारालाचा दर्रे सहिर्त शिंकुला व कुंजम दर्रे में वाहनों की आवाजाही सुचारू है। ठंड बढ़ती देख सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने भी सरचू, भरतपुर  सिटी, बारालाचार्, जिंगजिंगबार और पटसेउ से काम समेटना शुरू कर दिया है।

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लाहुल के ट्रैकर विशाल, दीपक, रोहित और दोरजे ने बताया कि पारा लुढ़कने से घाटी की झीलें जम गई हैं। सर्दी ने दस्तक दे दी। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि बर्फबारी होने से मनाली-लेह मार्ग पर पानी जमने लगा  है। इस मार्ग पर काम समेटना शुरू कर दिया है लेकिन सभी दर्रो में वाहनों की आवाजाही अभी सुचारू है।

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