धर्मशाला नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त

प्रदेश हाईकोर्ट ने धर्मशाला निगम क्षेत्र में हुए अवैध निर्माणों की जानकारी मांगते हुए नगर निगम धर्मशाला को आदेश दिए हैं कि वह स्टेटस रिपोर्ट की माध्यम से अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ की गई कार्यवाही कोर्ट के समक्ष रखे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jan 2019 07:49 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jan 2019 07:49 PM (IST)
धर्मशाला नगर निगम क्षेत्र में
अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त
धर्मशाला नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने धर्मशाला नगर निगम क्षेत्र में हुए अवैध निर्माण की जानकारी मांगी है। हाईकोर्ट ने नगर निगम धर्मशाला को आदेश दिए कि वह स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई कोर्ट के समक्ष रखे।

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने निगम आयुक्त को आदेश दिए कि वह इंजीनिय¨रग ¨वग के सक्षम कर्मियों को हिदायत दें कि वह कम से कम हर पखवाड़े में एक बार क्षेत्र के विभिन्न इलाकों का दौरा करें। दौरे के दौरान पाए गए अवैध निर्माण अथवा अतिक्रमण की रिपोर्ट उन्हें सौंपें। इसके बाद अवैध निर्माण पाए जाने पर मालिक को एक सप्ताह के भीतर कारण बताओ नोटिस जारी करें। यदि अवैध निर्माण साबित हो जाए तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के आदेश भी दिए गए। कोर्ट ने डीसी व एसपी कांगड़ा को नगर निगम की पूरी सहायता करने के आदेश भी दिए। मामले पर सुनवाई 25 फरवरी को होगी। धर्मशाला में तैनात रहे टीसीपी के निदेशकों व प्लानर की सूची मांगी

मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि धर्मशाला में भवन उपनियमों को लागू करने की शक्तियां केवल 20 फरवरी 2018 से ही दी गई हैं। इससे पहले क्षेत्र में निर्माणों को देखने का दायित्व टीसीपी के पास था। कोर्ट ने वर्ष 2005 से 2018 तक के टीसीपी के निदेशकों व प्लानर के नाम उनकी मौजूदा पो¨स्टग सहित कोर्ट को देने के आदेश दिए जो उस दौरान धर्मशाला में तैनात थे। यह है मामला

प्रार्थी यशवंत ¨सह संधू ने धर्मशाला के वार्ड नंबर नौ के तहत गांव सकोह में कुलजीत ¨सह संधू पर अवैध निर्माण करने के आरोपों को लेकर याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान निगम आयुक्त धर्मशाला कोर्ट में उपस्थित थे। उनकी स्टेटस रिपोर्ट देखने पर कोर्ट ने पाया कि निगम के सहायक अभियंता उक्त निर्माण के संदर्भ में संबंधित अथॉरिटी को गुमराह करने के लिए उत्तरदायी हैं। कोर्ट ने एसडीएम धर्मशाला को भी आदेश दिए कि वह राजस्व अधिकारियों की टीम बनाकर कुलजीत ¨सह संधू की संपत्ति की निशानदेही कर रिपोर्ट तैयार करें।

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