परमार जयंती पर गुटों में बंटी दिखी कांग्रेस
लोकसभा चुनाव की करारी शिकस्त से टूट चुकी कांग्रेस ने हिमाचल निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार की जयंती को उनके पैतृक गांव बागथन में मनाकर नया जोश और एकजुटता की कौशिश की जो धरी की धरी रह गई। इस कार्यक्रम से किनारा कर कांग्रेस नेताओं ने सभी प्रयासों पर पानी फेर दिया।
राज्य ब्यूरो, शिमला : लोकसभा चुनाव की करारी शिकस्त से टूट चुकी कांग्रेस ने हिमाचल निर्माता एवं पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाइएस परमार की जयंती को उनके पैतृक गांव जिला सिरमौर के बागथन में मनाकर नया जोश व एकजुटता दिखानी की कोशिश की, जो धरी की धरी रह गई। इस कार्यक्रम से कई बडे़ नेताओं ने किनारा करपार्टी के प्रयासों पर पानी फेर दिया। कांग्रेस के राज्यस्तरीय कार्यक्रम से किनारा कर सुक्खू गुट ने कांग्रेस मुख्यालय शिमला पहुंचकर परमार जयंती पर भीड़ जुटा शक्ति प्रदर्शन किया। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए डॉ. परमार के पैतृक गांव बागथन में जयंती मनाई, लेकिन कई दिग्गज नेता वहां पहुंचे ही नहीं। यही नहीं डॉ. परमार के बेटे और पांच बार के विधायक रहे कुश परमार ने भी कांग्रेस के कार्यक्रम से किनारा किया। उन्होंने जयराम सरकार के सरकारी कार्यक्रम में पीटरहॉफ में आकर शिरकत की।
ताश के पतों की तरह बिखरी नजर आ रही कांग्रेस की एकजुटता के लिए कमेटी ने राज्यस्तरीय कार्यक्रम परमार के गांव बागथन में रखा था। हमीरपुर के नादौन से विधायक एवं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविदर सिंह सुक्खू अपने समर्थक नेताओं के साथ सुबह 11 बजे पार्टी मुख्यालय पहुंचे और शिमला शहरी इकाई के आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी नेताओं और पदाधिकारियों को बागथन पहुंचने के निर्देश दिए थे। डॉ. परमार के बेटे कुश परमार का पांच बार विधायक रहने के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिया था। इससे वे पार्टी से नाराज चल रहे हैं।
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पाटी के नेताओं की इच्छा है कि उन्हें जहां ठीक लगता है वहां पर डॉ. वाइएस परकार की जयंती पर कार्यक्रम मनाएं। राज्यस्तरीय कार्यक्रम सिरमौर के बागथन में रखा गया था।
-कुलदीप राठौर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष