हिमाचल में कांग्रेस के इस CM ने सम्भाला बूथ पर ट्रेनिंग का जिम्मा तो विजय रथ की सारथी बनीं प्रियंका गांधी

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पहली बार प्रियंका गांधी वाड्रा को हिमाचल चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रियंका वाड्रा ने टिकट वितरण में भी अहम भूमिका निभाई थी। दिल्ली में पार्टी पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर फीडबैक लेकर प्रचारण की रणनीति तैयार की।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 08 Dec 2022 08:06 PM (IST) Updated:Thu, 08 Dec 2022 08:20 PM (IST)
हिमाचल में कांग्रेस के इस CM ने सम्भाला बूथ पर ट्रेनिंग का जिम्मा तो विजय रथ की सारथी बनीं प्रियंका गांधी
1998 में सोनिया के साथ कांगड़ा आई थीं प्रियंका गांधी।

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल में कांग्रेस पार्टी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाकर सत्ता में वापसी कर ली है। मिशन-2022 फतह कर कांग्रेस पार्टी को सत्तासीन करने में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा की सबसे अहम भूमिका रही है। कांग्रेस के विजय रथ की सारथी प्रियंका गांधी बनी। जीत में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

प्रियंका गांधी ने हिमाचल में 8 रैलियां की थी

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पहली बार प्रियंका गांधी वाड्रा को हिमाचल चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रियंका वाड्रा ने टिकट वितरण में भी अहम भूमिका निभाई थी। दिल्ली में पार्टी पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर फीडबैक लेकर प्रचारण की रणनीति तैयार की। प्रियंका वाड्रा ने 14 अक्टूबर को सोलन में परिवर्तन रैली कर चुनावी प्रचार का बिगुल फूंका था। उसके बाद उन्होंने हिमाचल में 8 रैलियां की थी।

प्रियंका ने सधा हुआ प्रचार किया। उनकी हर रैलियों में भारी भीड़ उमड़ी। प्रचार के दौरान वह शिमला के छराबड़ा स्थित अपने आवास पर ही रूकी थी। पूरा चुनावी फीडबैक वह शिमला से ही लेती रही। कांग्रेस वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि गांधी परिवार का हिमाचल से विशेष लगाव है। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त थे और सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से प्रचार में नहीं आ पाई। ऐसे में हाईकमान ने प्रियंका को हिमाचल चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बनाया। प्रियंका ने हर संसदीय क्षेत्र में जाकर रैलियां की व कांग्रेस की जीत सुनिश्चित की। हिमाचल की जीत से राष्ट्रीय राजनीति में भी प्रियंका वाड्रा का कद बढ़ा है।

1998 में सोनिया के साथ कांगड़ा आई थीं प्रियंका

यह पहला मौका है जब प्रिंयका वाड्रा को हिमाचल चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वर्ष 1998 में सोनिया गांधी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी थीं। उस दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से कांगड़ा में रैली करवाई गई थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उस वक्त संतराम शर्मा थे। प्रियंका उस समय पहली बार मां सोनिया गांधी के साथ कांगड़ा में रैली में भाग लेने के लिए आई थीं।

फीडबैक के आधार पर तैयार हुआ चुनाव अभियान

फीडबैक के आधार पर प्रियंका गांधी की अगुआई में चुनाव अभियान तैयार हुआ था । महिलाओं, युवाओं, कर्मचारियों और बागबानों पर आधारित गारंटियां की तैयार की थी। प्रियंका गांधी की धुंआधार रैलियां कर भाजपा के चुनाव प्रचार की हवा निकाल दी। युवाओं, महिलाओं व कर्मचारियों के मुद्दों पर जनता से कनेक्ट किया। जनता में भी प्रियंका गांधी का प्रचार खासा लोकप्रिय रहा। प्रियंका ने अग्निवीर, महंगाई, बेरोजगारी, कर्मचारियों की दुर्दशा पर भाजपा को घेरा। रोजगार, महिलाओं को मदद, कर्मचारियों को पेंशन और बागबानों को फसल के दाम पर जनता को भरोसा दिलाया।

प्रियंका गांधी की रैलियों का शानदार स्ट्राइक रेट

प्रियंका ने कार्यकर्ताओं और नेताओं में जोश भरा। जनता के बीच जीत का माहौल बनाया और कार्यकर्ताओं व नेताओं को जीत के लिए कमर कसने के लिए प्रेरित किया। अंत तक चुनाव की छोटी-छोटी चीजों पर बारीकी से रखी नजर रखी व जीत सुनिश्चित करवाई।

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भूपेश बघेल ने सम्भाला था बूथ पर ट्रेनिंग का जिम्मा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रचार में अहम जिम्मेदारी निभाई। भूपेश बघेल को बूथ ट्रेनिंग का जिम्मा दिया गया। उन्होंने कार्यकर्ताओं केा प्रचार के बारे में बताया। कैसे प्रचार में बढ़त बनानी है इस की रणनीति तैयार की। उनकी यह योजना कारगर साबित हुई और हिमाचल में कांग्रेस पार्टी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाकर सत्ता में वापसी कर ली।

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