कोटखाई प्रकरण में कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी सरकार

कोटखाई में छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म एवं हत्या प्रकरण में राज्य सरकार कानून के दायरे में कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कही है।

By Edited By: Publish:Fri, 29 Nov 2019 07:44 PM (IST) Updated:Sat, 30 Nov 2019 02:25 PM (IST)
कोटखाई प्रकरण में कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी सरकार
कोटखाई प्रकरण में कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी सरकार

शिमला, राज्य ब्यूरो।  कोटखाई में छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म एवं हत्या मामले में राज्य सरकार कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कही है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शुक्रवार को दीक्षा समारोह के मौके पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआइ जांच के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस केस के कानूनी पहलुओं पर गौर किया जाएगा। मामला अब अंतिम चरण में है। सीबीआइ जांच के बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंची है। केस कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में जो भी चीजें होंगी, वह कानून के दायरे में ही रहकर होंगी। ऐसी परिस्थितियों में इससे ज्यादा बोलना उचित नहीं है। पीड़ित परिवार ने मांगा है इंसाफ दुष्कर्म एवं हत्या प्रकरण में मृतका के माता-पिता ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई थी। छात्रा की मां ने कहा था कि उनकी बेटी को अकेला आरोपित नीलू नहीं मार सकता था शव को ठिकाने लगाने में वह शामिल रहा होगा, लेकिन शक है कि वारदात को तीन से चार लोगों से अंजाम दिया। वहीं पिता ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमत्री के फेसबुक अकाउंट से संदिग्धों के पहले फोटो वायरल हुए और फिर डिलीट कर दिए गए। पूरे मामले में सीबीआइ ने अधूरा सच ही सामने लाया है।

पीड़ित परिवार के मांग पत्र को मुख्य सचिव के पास भेजा मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवार के सदस्यों खासतौर पर पिता ने अपनी पीड़ा सरकार के सामने रखी है। वह सीबीआइ जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उनके मांग पत्र को कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव के पास भेजा है। वह देखेंगे कि इसमें क्या हो सकता है। जांच में जो साक्ष्य आए हैं, उससे छात्रा का परिवार नाखुश है। मामला कोर्ट के विचाराधीन होने के कारण सरकार ऐसी स्थिति में क्या कर सकती है, इस बारे में मुख्य सचिव को उचित निर्देश दिए गए हैं।

प्रशिक्षण के बाद ही उड़ान भर पाएंगे मानव परिंदे, नियमों में हुआ बदलाव

chat bot
आपका साथी