विकास पर मोहर, पत्नी प्रधान व पति उपप्रधान
जागरण संवाददाता मंडी इस बार पंचायतीराज चुनाव में मतदाताओं ने विकास पर मोहर लगाई है। श
जागरण संवाददाता, मंडी : इस बार पंचायतीराज चुनाव में मतदाताओं ने विकास पर मोहर लगाई है। शाला व कोटाधार पंचायतें के इसका प्रमाण हैं। दोनों पंचायतों में पत्नी प्रधान व पति उपप्रधान बने हैं। गोहर ब्लॉक की शाला पंचायत में मीनाक्षी ठाकुर प्रधान व राजकुमार उपप्रधान चुने गए हैं। कोटाधार पंचायत में आशा देवी प्रधान व महावीर उपप्रधान जीते हैं। यहां प्रधान पद आरक्षित होने पर राजकुमार व महावीर ने अपनी पत्नियों को मैदान में उतारा था। हालांकि महावीर प्रसाद 2010 में उपप्रधान थे, अब 10 साल बाद प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ा।
गोहर ब्लॉक में आने वाली शाला पंचायत में अपने पांच साल के कार्यकाल में राजकुमार ने गांव में विकास कार्यो को तरजीह दी थी। उन्होंने 28 लाख का विश्राम गृह, 16 किलोमीटर देवता कमरुनाग के लिए सड़क, इसमें 1.50 करोड़ की टारिग सहित पुल आदि बनाए गए और लोगों को मनरेगा में रोजगार मिला।
प्रधान पद आरक्षित होने पर राजकुमार ने चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया, लेकिन कार्यो को देखते हुए लोगों ने उन पर चुनाव लड़ने का दबाव बनाया। उन्होंने पत्नी मीनाक्षी ठाकुर को प्रधान व खुद उप प्रधान पद पर खड़े हुए और जीत दर्ज की। राजकुमार 475 और पत्नी मीनाक्षी ठाकुर 237 मतों से जीतीं।
बालीचौकी ब्लॉक की कोटधार पंचायत में भी प्रधान पद आरक्षित होने महावीर प्रसाद ने 10 साल बाद प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ा। उन द्वारा 2005 से 2010 तक किए गए विकास कार्यों को चलते लोगों के कहने पर उन्होंने प्रधान पद के लिए अपनी पत्नी आशा देवी को उम्मीदवार बनाया। यहां भी जनता ने कार्यों को ही तरजीह देकर पति-पत्नी दोनों को पंचायत की कमान सौंपी। महावीर प्रसाद 188 मतों से उप प्रधान और प्रधान के लिए आशा देवी ने 162 वोटों से जीत दर्ज की।
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मुरहाग व जहल में भी विकास पहले
देश को मनरेगा टूरिज्म का माडल देने वाली मुरहाग पंचायत के पूर्व प्रधान तेजेंद्र पाल भी प्रधान पद आरक्षित होने पर उपप्रधान का चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। इसी तरह जहल के प्रधान ओम प्रकाश ने भी उप्रधान पद चुनाव लड़कर पुन: पंचायत प्रतिनिधि बने। इन्होंने भी मनरेगा के तहत गांवों में विकास कार्यो को तरजीह दी थी।
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गोहर ब्लॉक की शाला, मुरहाग व जहल पंचायत में पहले के प्रधानों को पुन: जितवाकर जनता ने विकास पर मोहर लगाई है। इससे विकास कार्यों को और गति मिलेगी। साथ ही नए प्रधानों के लिए अपने सहयोगियों का अनुभव काम आएगा।
-निशांत शर्मा, बीडीओ गोहर।