भीख मांगने व बाल मजदूरी पर दर्ज होगा केस

बाल मजदूरी बाल विवाह और बाल भीख के मामलों की रोकथाम के लिए ऐसे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 08:38 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 08:38 PM (IST)
भीख मांगने व बाल मजदूरी पर दर्ज होगा केस
भीख मांगने व बाल मजदूरी पर दर्ज होगा केस

जागरण संवाददाता, मंडी : बाल मजदूरी, बाल विवाह और बाल भीख के मामलों की रोकथाम के लिए ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ पुलिस की बाल संरक्षण यूनिट के पास मामले दर्ज किए जाएंगे। जिला बाल संरक्षण अधिकारी इस कार्रवाई को अंजाम देंगे। यह आदेश अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने जिला बाल संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि जिला बाल कल्याण समिति तथा चाइल्ड लाइन में मामले दर्ज करवाएं तथा आगामी बैठक में समिति के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को बाल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए नगर परिषद मुख्यालयों एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर में डिसप्ले स्क्रीन के माध्यम से योजनाओं का प्रसार करें। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए देखभाल व संरक्षण संबंधित कार्य कर रही है। जिला में आठ बाल-बालिका गृह चलाए जा रहे हैं, जो किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत पंजीकृत हैं। इन बाल-बालिका गृहों में 398 बच्चों को संरक्षण दिया जा रहा है।

करसोग व जोगेंद्रनगर में खुलेंगें शिशु पालना केंद्र

बैठक में आदेश दिए गए कि करसोग व जोगेंद्रनगर सिविल अस्पताल में शिशु पालन केंद्र खोले जाएंगे। वर्तमान में क्षेत्रीय अस्पताल मंडी, नागरिक चिकित्सालय सुंदरनगर, जंजैहली तथा सरकाघाट में शिुशु पालना स्वागत केंद्र स्थापित किए हैं। अभी तक इन केन्द्रों की सहायता से तीन नवजात को संरक्षण प्रदान किया जा चुका है।

बच्चों को दिया जा रहा व्यवसायिक प्रशिक्षण

मुक्त आश्रय गृह में लावारिस अवस्था में मिले बच्चे, घर से भागे हुए इत्यादि बच्चों को अल्पावधि तक रहने की सुविधा प्रदान की जाती है। बाल-बालिका गृह में रह रहे बच्चों को जो 10वीं व 12वीं कक्षा उ‌र्त्तीण कर चुके हैं और 18 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं की हुई है, ऐसे बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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