मंडी में धूमधाम से मनाया सायर

By Edited By: Publish:Wed, 17 Sep 2014 01:03 AM (IST) Updated:Wed, 17 Sep 2014 01:03 AM (IST)
मंडी में धूमधाम से मनाया सायर

जागरण टीम, मंडी : हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने में धार्मिक उत्सव और अलग-अलग रीति रिवाज आज भी बड़ी सादगी और विधि विधानपूर्वक मनाए जाते है। इसलिए हिमाचल को देव भूमि के नाम से जाना जाता है। इसी सादगी और विधि विधान से मंगलवार को मंडी जिला में सायर पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। ग्रामीणों ने विधि विधान के मुताबिक अपने इष्ट देवता की विधिवत पूजा-अर्चना के बाद सायर पूजन किया। इसके लिए धाम, मक्की, गलगल, पेठू आदि सामग्री की पूजा की गई। बच्चों सहित आम लोगों ने बड़ों को अखरोट सहित दूब देकर आशीर्वाद भी प्राप्त किया।

सायर पर्व का विशेषकर नौनिहालों ने खासा लुत्फ उठाया। बच्चों ने टोलियों में जाकर गाव-गाव में बड़ों को दूब देकर आशीर्वाद प्राप्त किया। दूब देने पर लोगों ने जहा अखरोट और पैसे बाटे वहीं मेहमानों की खूब आवभगत भी की। हर घर में बने व्यंजनों का ग्रामीणों ने भरपूर आनंद लिया।

क्या है सायर उत्सव और क्यों मनाया जाता है

कहते है कि बरसात में बीमारियों तथा प्राकृतिक आपदाओं से बचाव की खुशी में सायर पर्व मनाया जाता है। आज का युग भले ही बदला हो लेकिन प्राचीन समय में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारी नुकसान और कई लोगों को जानें चली जाती थी। ऐसे में ग्रामीण और रिश्तेदार सायर पर्व में एक दूसरे से मिलजुल कर कुशलक्षेम पूछते थे। इस खुशी के मौके पर दिन भर मेहमानबाजी का दौर चलता है। यह परपरा आज भी कायम है और मंडी जनपद में सायर पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

आज ही के दिन सौ साल की आयु पूरी करने वाले ग्राम पंचायत चुक्कू के नागण गाव निवासी नारायण सिंह का कहना है कि संस्कृति में लगातार आ रहे बदलाव के कारण आज इन त्योहारों का महत्व कम होता जा रहा है। आधुनिकता की चकाचौंध के आगे संस्कृति में यह बदलाव देखने को मिल रहा है।

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