लपशक गांव में प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किए किसान

लाहुल घाटी के किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Jun 2020 07:50 PM (IST) Updated:Sun, 28 Jun 2020 06:22 AM (IST)
लपशक गांव में प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किए किसान
लपशक गांव में प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किए किसान

जागरण संवाददाता, केलंग : लाहुल घाटी के किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक किया जा रहा है। शनिवार को कृषि विभाग ने लाहुल घाटी के लपशक गांव में शिविर का आयोजन किया। शिविर में प्राकृतिक कृषि विषय-विशेषज्ञ सुभाष पालेकर, विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र ठाकुर ने ग्रामीणों को प्राकृतिक कृषि पद्धति अपनाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी और प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित किया।

जिला कृषि अधिकारी वीरेंदर सिंह ने कहा कि कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने लाहुल-स्पीति में कृषि सुधार के लिए कृषि पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया है। लाहुल में कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। फसल विविधीकरण के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। गांव-गांव में प्रशिक्षण शिविर लगाकर किसानों को जागरुक किया जा रहा है। किसानों को देसी नस्ल की गाय खरीदने पर 25000 का अनुदान दिया जाता है। वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाने पर 5000 तथा पावर टिलर, पॉवर वीडर, ब्रश कटर पर एवं सामुदायिक स्तर पर कंपोसिट फैंसिग के लिए भी मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत अनुदान दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारी व विशेषज्ञ किसानों को उनके खेतों में आकर उनका मार्गदर्शन करते हैं। प्राकृतिक कृषि में केवल प्राकृतिक रूप से बनाए गए कीटनाशक ही प्रयोग किए जाते हैं। हाल ही में हिमाचल सरकार ने मार्केटिग मॉडल अधिनयम पास करके 133 उत्पादों को इसके दायरे में लाया है, जिससे प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा मिलेगा।

प्रशिक्षण शिविर में जीवामृत तथा जीवामृत बनाने की विधि किसानों को सिखाई गई। इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्य शकुंतला भी उपस्थित रहीं।

chat bot
आपका साथी