हिमाचल: नेरवा में जंगल की आग गांव तक पहुंची, शिरगुल देवता का मंदिर जला, 800 सेब के पौधे भी हुए नष्ट
Shimla Nerva Fire Incident जिला शिमला के उपमंडल चौपाल के जंगल और घासनियां धधक उठी हैं। यहां ग्रामीणों की आस्था का प्रतीक एक मंदिर सहित आठ सौ सेब के फलदार पौधे जल गए। गांव में बना शिरगुल देवता का मंदिर जलकर राख हो गया।
नेरवा, क्षितिज सूद। Shimla Nerva Fire Incident, जिला शिमला के उपमंडल चौपाल के जंगल और घासनियां धधक उठी हैं। यहां ग्रामीणों की आस्था का प्रतीक एक मंदिर सहित आठ सौ सेब के फलदार पौधे जल गए। नेरवा तहसील की ग्राम पंचायत चइंजन के छिनोग गांव में एक घासनी में लगी आग हवाएं चलने से इस कद्र प्रचंड हो गई कि इसकी चपेट में आने से गांव में बना शिरगुल देवता का मंदिर जलकर राख हो गया। ग्राम पंचायत चइंजन के प्रधान हेतराम कैंथला ने बताया कि आग इतनी भयानक थी कि इस पर काबू नहीं पाया जा सका और मंदिर सहित अंदर स्थापित देवता शिरगुल की मूर्ति और अन्य सारा सामान कुछ ही पलों में नष्ट हो गया।
कैंथला के अनुसार सेब के पौधे इस कद्र झुलस चुके है कि अब उनमें हरियाली आने की कोई भी उम्मीद नहीं बची है। आग से रामलाल कांटा पुत्र धर्मा, मोहर सिंह पुत्र अनंत राम, लोकेंद्र पुत्र गोपी चंद, हरीश पुत्र लच्छी राम, सुख राम पुत्र कर्मा, केवल राम पुत्र दौलत राम एवं सुरेंद्र पुत्र किरपा राम ग्रामीणों के सेब के आठ सौ फलदार पौधे बुरी तरह से झुलस चुके हैं। इस दौरान स्थानीय निवासी राम लाल का मकान भी आग की चपेट में आ गया था, लेकिन मौके पर इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने सूझबूझ दिखाते हुए आग पर काबू पा लिया व बहुत बड़ी क्षति होने से बचा ली।
तहसीलदार नेरवा जगपाल सिंह ने बताया कि पटवारी कपिल ने नुकसान की रिपोर्ट बनाकर भेज दी है। प्रभावितों को शीघ्र ही सरकारी मैन्युअल के तहत राहत प्रदान की जाएगी।