पालमपुर में 96 साल पुराना भवन राख, 10 लाख का नुकसान

केएलबी डीएवी कॉलेज के पुराने भवन में आग लगने से दस लाख रुपये का नुकसान हो गया।

By Edited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 07:01 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 09:33 AM (IST)
पालमपुर में 96 साल पुराना भवन राख, 10 लाख का नुकसान
पालमपुर में 96 साल पुराना भवन राख, 10 लाख का नुकसान

पालमपुर, जेएनएन। शहर में सेंट पॉल स्कूल के पास स्थित केएलबी डीएवी कॉलेज का पुराना भवन आग लगने के कारण बुधवार दोपहर को जल गया। लगभग चार से पांच कमरों वाला यह पूरा भवन देवदार की लकड़ी से बनाया गया था और 96 साल पुराना था। हालांकि आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन इस अग्निकांड में 10 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है।

जानकारी के मुताबिक बीबीएल मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के नाम से बने इस भवन में वर्तमान में अन्य राज्यों से आए मजदूर रहते थे। सुबह लगभग साढ़े दस बजे के आस पास जब सब मजदूर अपने काम पर चले गए तथा वहां महिलाएं ही मौजूद थीं। इस दौरान एक महिला ने भवन में आग लगी हुई देखी और शोर मचा दिया। इसके बाद तुरंत प्रभाव से फायर बिग्रेड को सूचना दी गई, लेकिन इस दौरान भवन के अंदर रखा गैस सिलेंडर आग की चपेट में आ गया और एक धमाके के साथ फट गया। सिलेंडर फटने से भवन के बीच के कमरे की छत उड़ गई। वहीं देवदार की लकड़ी का बना होने के कारण आग और तेजी से बढ़ गई।

फायर बिग्रेड की टीम ने भी पास ही मौजूद हाईड्रेंट के जरिए पानी यहां तक पहुंचाया तथा तुरंत कार्रवाई करते हुए एक किचन और एक अन्य कमरे में लकड़ी का टूटा-फूटा फर्नीचर पड़ा हुआ था, उसे जलने से बचा लिया। बता दें कि इस भवन में लगभग दस साल तक केएलबी डीएवी कॉलेज की कक्षाएं चली हैं तथा इसके बाद यहां पर एक बीबीएल मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल भी चलाया गया था। फायर ब्रिगेड ऑफिसर ठाकरदास ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है तथा लगभग दस लाख रुपये का नुकसान का अनुमान है। साथ ही एक कमरे को जलने से बचा लिया गया है।

1924 में बना था भवन इस भवन का निर्माण 1924 में देवदार की लकड़ी करवाया गया था। इसके बाद इस भवन को तत्कालीन मिशन को हॉस्टल चलाने के लिए सौंप दिया गया था। इसके बाद यहां पर कुछ समय तक मिशन की ओर से हॉस्टल का संचालन किया गया। उसके बाद यहां पर केएलबी डीएवी कॉलेज की जब स्थापना हुई तो उसकी दस साल तक कक्षाएं चली। कॉलेज के स्थानांतरित होने के बाद यहां पर कुछ समय के लिए स्कूल चला और उसके बाद वर्तमान में इस भवन को मजदूरों को रहने के लिए दिया गया था।

भवन के निर्माण में देवदार की लकड़ी ही प्रयोग में लाई गई थी। दस साल तक इसमें कॉलेज चला है। इसे कॉलेज ट्रस्ट को दान में दे दिया गया था।

बीबीएल बुटेल, पूर्व विस अध्यक्ष।

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