कांग्रेस और भाजपा के गद्दी कार्ड से भरमौरी और कपूर की प्रतिष्‍ठा भी लगी दांव पर, पढि़ए पूरी खबर

धर्मशाला उपचुनाव में कपूर और भरमौरी के युवा रिश्तेदार चुनावी जंग में आमने- सामने होंगे। ऐसे में इन दोनों नेताओं की प्रतिष्‍ठा भी दांव पर होगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Mon, 30 Sep 2019 08:08 AM (IST) Updated:Mon, 30 Sep 2019 08:08 AM (IST)
कांग्रेस और भाजपा के गद्दी कार्ड से भरमौरी और कपूर की प्रतिष्‍ठा भी लगी दांव पर, पढि़ए पूरी खबर
कांग्रेस और भाजपा के गद्दी कार्ड से भरमौरी और कपूर की प्रतिष्‍ठा भी लगी दांव पर, पढि़ए पूरी खबर

धर्मशाला, दिनेश कटोच। उपचुनाव में इस बार दो नए चेहरे आमने-सामने होंगे। भाजपा व कांग्रेस ने युवाओं पर दाव खेला है। साथ ही दोनों पार्टियों ने स्थानीय को टिकट देकर बाहरी के बखेड़े को भी खत्म किया है। बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी गद्दी समुदाय का कार्ड खेला है। कांग्रेस ने गद्दी समुदाय से विजय इंद्र कर्ण व भाजपा ने विशाल नैहरिया को प्रत्याशी बनाया है। सांसद किशन कपूर भाजपा प्रत्याशी विशाल नेहरिया के मामा हैं और कांग्रेस के पूर्व वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी विजय इंद्र कर्ण के मौसा हैं। बतौर विधायक रहे किशन कपूर व ठाकुर सिंह भरमौरी के विधानसभा क्षेत्र अलग-अलग रहे हैं और इनमें सीधी चुनावी जंग तो कभी नहीं हुई है लेकिन धर्मशाला उपचुनाव में दोनों ही नेताओं के युवा रिश्तेदार चुनावी जंग में आमने- सामने होंगे। ऐसे में इन दोनों नेताओं की प्रतिष्‍ठा भी दांव पर होगी।

धर्मशाला गद्दी व ओबीसी बाहुल क्षेत्र है। साथ ही यहां अन्य समुदाय के लोगों का भी खासा वोट बैंक है। कांग्रेस ने इससे पहले गद्दी समुदाय से मूलराज पाधा को चुनाव मैदान में उतारा था और वह कांग्रेस से एक बार विधायक भी बने थे। इसके बाद कांग्रेस ने इस समुदाय से संबंधित किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया, जबकि गद्दी समुदाय से कई नेता टिकट के तलबगार रहे थे। इस बार भी समुदाय से ही कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता टिकट की चाह में थे और उन्होंने आवेदन भी किया था पर पार्टी ने युवा पर ही विश्वास जताया है।

दूसरी ओर भाजपा ने गद्दी समुदाय पर ही विश्वास जताया है। भाजपा ने सबसे पहले गद्दी समुदाय से संबंधित बृज लाल को टिकट दिया था और वह पहले 1977 में जनता पार्टी और उसके बाद अगले चुनाव में भाजपा की टिकट से जीते भी थे। बृज लाल के बाद किशन कपूर पर भाजपा ने विश्वास जताया था और वह 1990 के बाद से लेकर अब तक भाजपा के प्रत्याशी रहे थे।

क्या बनेंगे बागी या चुप रहेगी जुबां

भले ही भाजपा और कांग्रेस ने  प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं पर दोनों ही ओर से कई चेहरे ऐेसे भी थे जो कि टिकट की चाहत पाले हुए थे। इन्होंने ही धरती पुत्र को टिकट देने की आवाज बुलंद की थी। अब देखने वाली बात यह होगी कि पार्टी प्रत्याशियों के अलावा कौन सा चेहरा बागी के रूप में भी चुनाव मैदान में ताल ठोकता है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, लेकिन अभी किसी ने भी निर्दलीय के रूप में नामांकन पत्र नहीं भरा है।

धर्मशाला से अब तक रहे विधायक

वर्ष         नाम        पार्टी

1972        प्रो. चंद्र वर्कर            कांग्रेस

1977        बृज लाल                 जनता पार्टी

1982        बृज लाल                 भाजपा

1985        मूलराज पाधा           कांग्रेस

1990        किशन कपूर             भाजपा

1993        किशन कपूर             भाजपा

1998        किशन कपूर             भाजपा

2003        चंद्रेश कुमारी            कांग्रेस

2007        किशन कपूर             भाजपा

2012         सुधीर शर्मा              कांग्रेस

2017         किशन कपूर            भाजपा

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