पुंछ में हिमाचल का जवान शहीद, दो महीने बाद होनी थी शादी; आखिरी विदाई देने के लिए उमड़ी भीड़

Himachal Soldier Martyr जम्‍मू कश्‍मीर के जिला पुंछ में एलओसी पर पाकिस्‍तान की ओर से सीजफायर के उल्‍लंघन के दौरान हिमाचल का एक जवान शहीद हो गया।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2020 11:34 AM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2020 06:31 PM (IST)
पुंछ में हिमाचल का जवान शहीद, दो महीने बाद होनी थी शादी; आखिरी विदाई देने के लिए उमड़ी भीड़
पुंछ में हिमाचल का जवान शहीद, दो महीने बाद होनी थी शादी; आखिरी विदाई देने के लिए उमड़ी भीड़

हमीरपुर, जेएनएन। जम्‍मू कश्‍मीर के जिला पुंछ में एलओसी पर पाकिस्‍तान की ओर से सीजफायर के उल्‍लंघन के दौरान हिमाचल का एक जवान शहीद हो गया। शहीद जवान की पार्थिव देह शाम को घर पहुंची। सैनिक बेटे को आखिरी विदाई देने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। परिवार के सदस्य रो-रोकर बेहाल हैं। हेल‍िकॉप्‍टर के माध्‍यम से रोहिन की पार्थिव देह एनआइटी हमीरपुर के परिसर पर पहुंचाई गई। यहां से सेना की गाड़ी में पार्थिव देह सैनिक के गांव खास गलोड़ पहुंचाई गई।

प्रदेश के जिला हमीरपुर के गांव खास गलोड़ का 24 वर्षीय रोहिन कुमार पुत्र रसील कुमार 14 पंजाब रेजीमेंट में तैनात था। बताया जा रहा है जवान पाकिस्‍तान की ओर से दागे गए मोर्टार की चपेट में आ गया था। खास गलोड़ के रोहिन कुमार के पिता रसील सिंह हलवाई का काम करते हैं। रोहिन कुमार की दो माह बाद नवंबर में शादी होने वाली थी। घर में परिवार के सदस्‍य उनकी शादी की तैयारियों में जुटे थे। इस बीच सैनिक के शहीद होने की खबर से परिवार टूट गया है।

परिवार के सदस्‍यों को सैनिक बेटे की शादी का बेसब्री से इंतजार था। माता-पिता ने दो माह बाद जिस बेटे को दुल्‍हा बनाकर घोड़ी पर बैठाना था, कुछ देर में उसकी पार्थिव देह आंगन में पहुंचेगी। रोहिन के बलिदान की खबर सुनते ही पूरे गांव में मातम पसर गया है। हर कोई बेबस माता-पिता को हौसला देने के लिए सैनिक के घर का रुख कर रहा है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सैनिक के बलिदान पर दुख जताया है। सीएम कहा कि ईश्‍वर दिवंगत आत्‍मा को शांति‍ व शोकग्रस्‍त परिवार को इस असहनीय दुख को सहने की शक्‍ित प्रदान करें।

रा‍ेहिन कुमार 2016 में सेना में शामिल हुआ था। 24 की उम्र में बेटे की शहादत से परिवार रो रोकर बेहाल है। प‍िता ने हलवाई का काम कर बेटे को पढ़ा लिखाकर देश सेवा के लिए भेजा था। लेकिन सैनिक बेटा परिवार का ज्‍यादा समय तक सहारा नहीं बन पाया। बताया जा रहा है सैनिक रोहिन कुमार की एक बहन है, जिसकी शादी हो गई है। सैनिक का और कोई भाई नहीं है। माता-प‍िता इकलौते बेटे के बलिदान की खबर सुनने के बाद बेसुध हैं।

सैनिक के बलिदान की खबर सुनते ही रोहिन कुमार के घर के बाहर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने हाथों में तख्‍तयिां लेकर पाकिस्‍तान के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। साथ ही शहीद रोहिन कुमार अमर रहे नारों से गांव गूंज उठा।

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