द्रोणाचार्य में रिसर्च टूल पर कार्यशाला शुरू

By Edited By: Publish:Tue, 22 Jul 2014 01:09 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jul 2014 01:09 AM (IST)
द्रोणाचार्य में रिसर्च टूल पर कार्यशाला शुरू

संवाद सहयोगी, धर्मशाला : द्रोणाचार्य शिक्षा स्नातकोत्तर महाविद्यालय रैत में सोमवार को कंस्ट्रक्शन एंड स्टैंडर्ड डाइजेशन ऑफ रिसर्च टूल पर सात दिवसीय कार्यशाला शुरू हो गई। कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के शिक्षाविद, संशोधन कर्ताओं सहित विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षक वर्ग भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को संशोधन कार्य विधियों तथा टूल(यंत्र) का निर्माण कैसे किया जाता है से अवगत करवाना है। कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर रीजनल सेंटर धर्मशाला के निदेशक प्रो. कुलबंत सिंह राणा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि अनुसंधान वास्तविक समस्याओं से संबंधित होना चाहिए तथा समस्याओं का समाधान केवल शिक्षित लोगों के पास ही नहीं होते हैं। उनका समाधान अशिक्षित का हल इतिहास, समाज, पुस्तकों, अनुसंधानों आदि से प्राप्त होता है और जब वह उचित कार्यविधि से किया जाए। डा. नरेंद्र अवस्थी निदेशक एचआइईटी ने कहा कि संशोधन का कार्य करने के लिए क्षमता, प्रदर्शन, जज्बे, धैर्य इन चार विशेषताओं का होना आवश्यक है, तभी शिक्षा अन्य क्षेत्रों में होने वाले परिवर्तनों का पता चलेगा। कार्यशाला का प्रथम सत्र डॉ. अनिल अग्निहोत्री, प्राचार्य एमसी महाविद्यालय नंगल ने लिया। इसमें प्रश्नों के निर्माण के समय कुछ बातों का ध्यान रखने जैसे भाषा, स्पष्टता, अनिवार्यता आदि पर बल दिया। इस कार्यशाला में नरेंद्र राणा चेयरमेन एचआइईटी, प्रबंधन निदेशक द्रोणाचार्य महाविद्यालय जीएस पठानिया, कार्यकारी निदेशक बीएस पठानिया, प्राचार्य डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा तथा 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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