पांगी में बालन व इमारती लकड़ी का भंडारण शुरू

संवाद सहयोगी पांगी पांगी घाटी के लोगों को सर्दियों में ठंड से न ठिठुरना पड़े इसके लिए

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 04:23 PM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 04:23 PM (IST)
पांगी में बालन व इमारती लकड़ी का भंडारण शुरू
पांगी में बालन व इमारती लकड़ी का भंडारण शुरू

संवाद सहयोगी, पांगी : पांगी घाटी के लोगों को सर्दियों में ठंड से न ठिठुरना पड़े, इसके लिए वन विभाग ने समय से पहले ही राज्य वन निगम के सहयोग से बालन की लकड़ी का भंडारण शुरू कर दिया है। इस साल जुलाई में करीब 3000 क्विंटल बालन लकड़ी पहुंच चुकी हैं। इमारती लकड़ी के 5000 नग भी पांगी डिपो में हिमगरी से पहुंचाए जाएंगे।

पांगी घाटी में काफी अधिक सर्दी पड़ती है। ऐसे में लोगों को यहां पर बालन की लकड़ी की काफी अधिक जरूरत होती है। यही कारण है कि लोगों की मांग भी अधिक रहती है, जिसको देखते सरकार ने पांगी में बालन का डिपो खोला है। गृहणी सुविधा योजना तथा उज्ज्वला योजना के चलते लोगों का जंगलों का रुख कम होने से जंगलों का बचाव हो गया है, लेकिन सर्दियों में भारी हिमपात के कारण तापमान शून्य से नीचे चला जाता है। इस दौरान बिजली की किल्लत का सामना भी लोगों को करना पड़ता है। बिजली के कट लगने के कारण हीटर सहित अन्य बिजली उपकरण भी कम ही चलते हैं। ऐसे में सर्दी से बचने के लिए लोगों के लिए आग की आवश्यकता होती है। सरकार द्वारा पांगी में सूखे पेड़ों को टीडी में देने का प्रावधान रखा है। लोगों की मांग के मद्देनजर किलाड़ में इमारती लकड़ी का डिपो भी खोला है। ऐसे में इस बार विभाग द्वारा सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले ही बालन की लड़की का प्रावधान किया जा रहा है, जिस कारण लोगों को आने वाले समय में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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पांगी में करीब 8000 क्विंटल बालन लकड़ी की मांग है। इस वर्ष जुलाई माह में करीब 3000 क्विंटल बालन लकड़ी पहुंच चुकी हैं। 5000 इमारती लकड़ी के नग भी पांगी डिपो में हिमगरी से पहुंचाए जाने हैं, जिसके लिए वनपाल की ड्यूटी लगाई गई है। हिमगिरी से अभी तक नग नहीं आए हैं। लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए साच (पांगी) वन परिक्षेत्र का काबन जंगल से 165 नग पहुंचा दिए हैं। लोगों को कंट्रोल रेट पर इमारती लकड़ी दी जाती है।

-कुलदीप, वन मंडल अधिकारी पांगी

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