चैंडीपास दर्रे से सड़क बने तो 10 माह मिलेगी यातायात सुविधा

जनजातीय विकास खंड पांगी को जिला मुख्यालय चंबा से जोड़ने वाले चैंडी पास दर्रे से होते हुए सरकार सड़क निर्माण करवाती है तो पांगी घाटी जिला मुख्यालय चंबा से 10 माह तक जुड़ी रह सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 03:56 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 03:56 AM (IST)
चैंडीपास दर्रे से सड़क बने तो 10 माह मिलेगी यातायात सुविधा
चैंडीपास दर्रे से सड़क बने तो 10 माह मिलेगी यातायात सुविधा

कृष्ण चंद राणा, पांगी

जनजातीय विकास खंड पांगी को जिला मुख्यालय चंबा से जोड़ने वाले चैंडी पास दर्रे से होते हुए सरकार सड़क निर्माण करवाती है तो पांगी घाटी जिला मुख्यालय चंबा से 10 माह तक जुड़ी रह सकती है। जबकि साचपास मात्र चार माह ही यातायात के लिए खुला रहता है।

चैंडी दर्रे की ऊंचाई साचपास से करीब एक हजार मीटर कम है। चैंडी पास से जीप और बस योग्य सड़क का निर्माण किया जाता है तो चंबा से पांगी की दूरी करीब 40 से 50 किलोमीटर कम होगी।

स्थानीय निवासी रामचरण, कल्याण सिंह, जीवन सिंह, रविद्र नाथ, कर्म चंद, बंसी लाल, शाम सुंदर, भीमा राम, जोगिंद्र सिंह, चतर सिंह, कामी देवी, कौशल्या कुमारी, सुरमी, सुमित्रा, चंचला, देवदेई, किशन लाल, अनंत सिंह तथा लक्ष्मी चंद ने कहा कि चैंडी दर्रे से पुराने समय में लोग जरूरत का सामान लाने के लिए नवंबर व दिसंबर माह में भी पैदल सफर करके चुराह के हेल से होते हुए चंबा जाते थे।

पांगी मुख्यालय किलाड़ होने के कारण अधिक से अधिक ध्यान लोगों और सरकार का साचपास दर्रे के तरफ रहा है। सदियों से पंगवाल चैंडी पास सुरंग बनाने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन कभी किसी ने सड़क निर्माण के लिए कदम नहीं उठाया।

इंदिरा गांधी जब 1984 में पांगी आई थीं, उस समय उनके समक्ष भी चैंडीपास सुरंग निर्माण की मांग रखी गई। जानकार बताते हैं कि 1975-76 से सुरंग निर्माण की मांग की जा रही है। गर्मियों के दिनों में अब भी चुराह जाने वाले पांगी के लोग और पांगी के लिए आने वाले चुराह के लोग और भेड़ पालक चैंडीपास दर्रे का का प्रयोग करते हैं।

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चैंडीपास दर्रे से सड़क निर्माण होने पर यह होगा लाभ

चैंडीपास दर्रे से पांगी की दूरी जिला मुख्यालय किलाड़ से करीब 50 किलोमीटर कम हो जाएगी। साचपास से अप्रैल से दिसंबर तक यातायात बहाल रखा जा सकता है। साचपास को बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग को 90 किलोमीटर सड़क से बर्फ हटानी पड़ती है। इस मार्ग को खोलने के लिए 17 ग्लेशियर को काटना पड़ता है। साचपास दर्रे में सितंबर माह में पानी जमना शुरू हो जाता है। बगोटू से बैरागढ़ तक कई पानी के नाले हैं जबकि चैंडीपास में न के बराबर हैं। 2008 तक पैदल जाने वाले लोगों के रास्ता बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग के मजदूर चैंडीपास में मार्ग का मरम्मत करते थे।

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सरकार को ध्यान देना चाहिए : सेंसर चंद

पूर्व जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्य सेंसर चंद ठाकुर बताते हैं कि चैंडीपास दर्रा पांगी को जोड़ने वाला सबसे नजदीकी और साल में करीब दस माह तक यातायात सुविधा से जोड़कर रख सकता है। पुराने समय में कोई साधन न होने के बावजूद भी लोग दिसंबर माह तक इस दर्रे से आते जाते थे। भारी बर्फबारी के बाद ही बंद होता था। आज तो हाई टेक्नोलॉजी की मशीनें हैं। पांगी के मिधल गांव तक किलाड़ से बस सेवा है। दूसरी ओर चुराह तहसील के हेल गांव तक चंबा से बस चलती है। बीच के 40 से 50 किलोमीटर में सड़क का निर्माण कार्य सरकार करवाती है तो पांगी 10 माह के लिए जिला मुख्यालय से जुड़ सकता है।

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प्रस्ताव सरकार को भेजा है : इंद्र प्रकाश

पांगी फ‌र्स्ट पंगवाल फ‌र्स्ट के अध्यक्ष इंद्र प्रकाश शर्मा ने कहा कि हेल से चैंडीपास मिधल पांगी को जोड़ने का प्रस्ताव उपमंडलाधिकारी पांगी विश्रुत भारती के माध्यम से प्रदेश सरकार को भेजा है। उम्मीद है कि सरकार जल्द चैंडीपास दर्रे पर जीप और बस योग्य सड़क निर्माण का सर्वेक्षण शुरू करेगी। इसके साथ में पांगी के चैंडीपास सुरंग निर्माण की मांग भी समय-समय पर की जाती रही है और की जाती रहेगी।

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