पैरा व पीटीए अध्यापकों को किया जाए नियमित

संवाद सहयोगी चंबा हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने पैरा टीचर तथा पीटीए अध्यापकों को नियमित

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 Jul 2020 04:32 PM (IST) Updated:Fri, 31 Jul 2020 04:32 PM (IST)
पैरा व पीटीए अध्यापकों को किया जाए नियमित
पैरा व पीटीए अध्यापकों को किया जाए नियमित

संवाद सहयोगी, चंबा : हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने पैरा टीचर तथा पीटीए अध्यापकों को नियमित करने की मांग की है। संघ के जिला अध्यक्ष हरि प्रसाद शर्मा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि 25 जून को एक महत्वपूर्ण मंत्रिमंडल बैठक में अध्यापकों को नियमित करने का फैसला लिया गया था, लेकिन जिसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने इस बारे में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। उक्त शिक्षक 15 वर्षों से प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन नियमित न होने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में विभिन्न संघों ने कई बार शिक्षकों को नियमित करने की मांग की है।

संघ के अन्य सदस्यों ने भी मांग की है कि उक्त पैरा टीचरो समेत अन्य शिक्षकों को जल्द नियमितीकरण का तोहफा दिया जाए।

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रोजगार के लिए तरसे प्रेरक

संवाद सहयोगी, चंबा : चंबा जिला में भारत साक्षरता मिशन के तहत शिक्षा की अलख जगा रहे प्रेरक अब रोजगार के लिए तरस गए हैं। वर्ष 2018 से प्रेरकों को नौकरी से निकाल दिया गया है। इस कारण प्रेरकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शुक्रवार को प्रेरक संघ के सचिव सुरेश कुमार ने उपायुक्त चंबा को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व उन्हें बिना जानकारी नौकरी से निकाल दिया गया है। अब उन्हें रोजी-रोटी के भी लाले पड़ गए हैं। जिला के साढ़े पांच सौ से अधिक प्रेरकों को दो वर्ष का वेतन भी नसीब नहीं हो पाया है। वेतन न मिलने के कारण प्रेरकों के घर में चूल्हा भी रामभरोसे चल रहा है।

शिक्षा में पिछड़े जिला चंबा की साक्षरता दर को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रेरकों ने भारत साक्षर मिशन के अलावा, पंचायत के हर कार्य में सहयोग, चुनाव के दौरान ड्यूटी के अलावा भी अन्य कार्य किया है। प्रेरक पूरी ईमानदारी के साथ मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में जुटे रहे। कार्य करने के बाद भी उन्हें पगार नहीं मिल पाई है। प्रेरक संघ का कहना है कि साक्षरता मिशन में कार्य करने के कारण वे अन्य जगह भी काम नहीं कर सकते हैं। उनकी आमदनी का जरिया मौजूदा वक्त में साक्षर मिशन ही है। प्रेरकों का कहना है कि मामला प्रशासन के समक्ष भी उठाया गया है, बावजूद इसके अभी तक उन्हें वेतन हासिल नहीं हो पाया है। उनका कहना है कि यदि उन्हें जल्द वेतन नहीं मिला, तो वे सड़क पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेंगे।

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