मेडिकल साइंस में बने कामयाबी के कई कीर्तिमान

मौजूदा साल आधुनिक चिकित्सा विज्ञान (मेडिकल साइंस) के क्षेत्र में भी समय की शिला पर कई निशान छोड़ने में सफल रहा है। वैसे तो इस साल अभी तक मेडिकल साइंस में अनेक उपलब्धियां दर्ज हुई हैं, लेकिन हमने इस संदर्भ में 12 महत्वपूर्ण उपलब्धियों का चयन किया है।

By deepali groverEdited By: Publish:Tue, 09 Dec 2014 11:46 AM (IST) Updated:Tue, 09 Dec 2014 01:17 PM (IST)
मेडिकल साइंस में बने कामयाबी के कई कीर्तिमान

मौजूदा साल आधुनिक चिकित्सा विज्ञान (मेडिकल साइंस) के क्षेत्र में भी समय की शिला पर कई निशान छोड़ने में सफल रहा है। वैसे तो इस साल अभी तक मेडिकल साइंस में अनेक उपलब्धियां दर्ज हुई हैं, लेकिन हमने इस संदर्भ में 12 महत्वपूर्ण उपलब्धियों का चयन किया है। इस प्रकार 'सप्तरंग सेहत' के हर अंक में साल के अंत तक तीन महत्वपूर्ण उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत किया जाएगा। विवेक शुक्ला पेश कर रहे हैं पहली कड़ी...

वैसे तो अंग प्रत्यारोपण (आर्गेन ट्रांसप्लांट) कोई नई बात नहीं है। किडनी और लिवर आदि अंगों का प्रत्यारोपण होता रहता है, लेकिन गर्भाशय (यूटरस)का प्रत्यारोपण दुनिया में पहली बार हुआ।

स्वीडन की एक महिला के शरीर में डॉक्टरों ने एक अन्य दानदाता(डोनर) महिला द्वारा प्रदत्त गर्भाशय का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया। इस प्रत्यारोपण के बाद उस महिला ने एक बेबी को जन्म भी दिया।

जो महिलाएं गर्भाशय कैंसर से ग्रस्त हैं, या फिर जिनका गर्भाशय किन्हीं कारणोंवश विकारग्रस्त हो चुका है और वे संतान प्राप्ति की कामना रखती हैं, उनके लिए भविष्य में यह प्रत्यारोपण किसी वरदान से कम नहीं साबित होगा।

मूत्र तंत्र (यूरीनरी सिस्टम) के विभिन्न विकारों से ग्रस्त लोगों के लिए यह साल राहत भरी खबर लेकर आया है। इस संदर्भ में मेदांत दि मेडिसिटी, गुड़गांव में यूरोलॉजी विभाग के निदेशक और देश के सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ.नर्मदा प्रसाद गुप्ता के अनुसार सन् 2014 में रोबोटिक सर्जरी काफी लोकप्रिय हुई है। प्रोस्टेट, किडनी और यूरीनरी ब्लैडर से संबंधित ऑपरेशन अब रोबोटिक सर्जरी से हो रहे हैं।

यूरोलॉजी के क्षेत्र में मौजूदा साल में एक अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धि एक नई एंटीबॉयटिक फॉस्फोमाइसिन है। इस दवा की एक डोज लेने पर यूरीनरी टै्रक्ट इंफेक्शन(यूटीआई) से पीडि़त लोगों को राहत मिल जाती है। यह दवा महिलाओं के लिए विशेष तौर पर उपयोगी है।

अमेरिका में जीन परीक्षणों (जीनोमिक टेस्ट्स) के जरिये कैैंसर का पता लगाने के संदर्भ में इस साल उल्लेखनीय प्रगति हुई है। ऐसे परीक्षणों के जरिये यह भी पता लगाया जा सकेगा कि जो व्यक्ति कैैंसर या किसी अंग में कैंसरस ट्यूमर की समस्या से ग्रस्त हैं, उनके लिए आगे की चिकित्सा विधि का निर्धारण किस तरह सुनिश्चित होगा।

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