दो बार पहले हो चुकी सरपंच के घर पर फायरिग, जिसने अब हत्या की, उस पर दर्ज हुआ था केस

पुलिस की ढील की वजह से सुखविद्र उर्फ सुखी ने इस वारदात को अंजाम दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 May 2020 05:20 AM (IST) Updated:Sat, 23 May 2020 06:14 AM (IST)
दो बार पहले हो चुकी सरपंच के घर पर फायरिग, जिसने अब हत्या की, उस पर दर्ज हुआ था केस
दो बार पहले हो चुकी सरपंच के घर पर फायरिग, जिसने अब हत्या की, उस पर दर्ज हुआ था केस

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

बाल छप्पर सरपंच के पति रसपाल सिंह के घर पर पहले भी दो बार फायरिग की जा चुकी थी। पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया गया। लेकिन पुलिस इस मामले को लेकर गंभीर नहीं हुई। पुलिस के खिलाफ भी स्वजनों में गुस्सा था। स्वजनों ने आरोप लगाया कि थाना छप्पर पुलिस लापरवाह रही। दो बार रसपाल के घर पर फायरिग हुई, लेकिन आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस सुखविद्र सिंह ने रसपाल की हत्या की। उसे सीआइए ने पकड़ा था, लेकिन बाद में छोड़ दिया। पुलिस की ढील की वजह से सुखविद्र उर्फ सुखी ने इस वारदात को अंजाम दिया। दर्ज एफआइआर में भी यह बात कही गई है। बता दें कि शुक्रवार की सुबह करीब दस बजे रसपाल की पाबनी रोड पर पंचायती जमीन के पास गोलियां मारकर हत्या कर दी गई।

दो बार पहले भी हो चुका हमला : 29 मार्च को रसपाल के घर पर फायरिग हुई। जिसमें गांव के ही तीन लोगों के नाम आए। इस मामले में शिकायत दी गई थी, लेकिन बाद में आरोपितों के माफी मांगने के बाद मामला निपट गया था। इसके अलावा 11 अगस्त 2019 को रसपाल के घर पर फिर फायरिग हुई। दो बाइकों पर तीन लोग आए थे। पहले उन्होंने घर के बाहर बुलेट से पटाखे बजाए। फिर फायरिग की। इसमें गांव के ही सुखविद्र सिंह उर्फ सुखी समेत तीन पर केस दर्ज किया गया। इसके अलावा 16 मई को कुछ लोगों ने रसपाल के घर के बाहर बुलेट बाइकों से पटाखे बजाए। जब तक पुलिस पहुंचती। आरोपित फरार हो गए। यह मामला भी अज्ञात में दर्ज हुआ था। इसकी जांच सीआइए को दी गई थी। मृतक के चाचा गुरबचन सिंह व मंधार के नंबरदार गुरमुख सिंह ने बताया कि पंचायती जमीन से कब्जा छुड़वाने को लेकर ही रसपाल से गांव के ही लोगों की रंजिश चल रही थी। पहले भी उनके घर पर हमला हुआ था।

महिला पर भी हुई थी फायरिग :

गत 19 जून को बाल छप्पर गांव में दीवार फांदकर घर में घुसे युवक ने 33 वर्षीय परवीन कौर उर्फ वीना पर फायरिग कर दी थी। उसे तीन गोलियां मारी गई। इस मामले में महिला के बेटे वीरेंद्र सिंह के बयान पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। रसपाल की हत्या के मामले में भी वीरेंद्र सिंह, उसके दादा भगतराम व चचेरे भाई सुखविद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। ऐसे में महिला पर गोली चलाने के मामले से भी इस हत्या के तार को जोड़कर देखा जा रहा है।

सीआइए ने पकड़ा था फायरिग का आरोपित :

गत 10 दिसंबर को सीआइए ने नमदारपुर गांव के गुरदीत उर्फ बादल को अंबाला से प्रोडक्शन रिमांड पर लिया था। बादल से पूछताछ में पता लगा कि उसने अपने साथी अंबाला कैंट निवासी लवी के साथ बाल छप्पर सरपंच के पति रसपाल के घर के मुख्य गेट पर खड़े होकर फायरिग की थी। सुखविद्र के कहने पर यह फायरिग की गई थी। इसके बाद 11 अगस्त को फिर लवी व सुखविद्र के साथ मिलकर रसपाल के घर के बाहर पटाखे बजाए और देसी कट्टे से फायरिग की। इसके अलावा परवीन कौर पर भी लवी व बादल ने ही गोली चलाई थी। यहां भी उन्होंने गोली सुखविद्र के इशारे पर ही चलाई थी। कोऑपरेटिव सोसायटी में कैशियर व लोहगढ़ ट्रस्ट का सदस्य भी था :

रसपाल सिंह की पत्नी सतनाम कौर मौजूदा सरपंच हैं। जबकि रसपाल कोऑपरेटिव सोसाइटी पाबनी कलां में कैशियर के पद पर था। इसके साथ ही लोहगढ़ ट्रस्ट का भी सदस्य था। गांव में वह बच्चों के लिए ट्रैक बनाना चाहता था, लेकिन पंचायती जमीन पर कब्जा किया हुआ था। जिसे खाली कराने के लिए वह दौड़ भाग कर रहा था।

आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा : एसएसओ

छप्पर थाना प्रभारी सतपाल का कहना है कि हमारी हर एंगल पर जांच चल रही है। आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा। यहीं प्रयास है कि परिवार को न्याय मिले।

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