खाद्य सामग्री के वाहनों के पहिये भी थमे, गहरा सकता है संकट

सख्त गई है। बॉर्डर पर सील लगा दी गई है। वाहनों व लोगों को पूरी तरह से रोक दिया गया है। वहीं इस सख्ती की वजह से ट्रांसपोर्टेशन में भी दिक्कत हो गई है। खाद्य सामग्री की सप्लाई नहीं होने की वजह से दुकानों पर भी स्टॉक खत्म होने लगा है। जिससे ओर अधिक परेशानी बढ़ सकती है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि खाद्य सामग्री की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। रविवार को कलानौर बॉर्डर पर श्रमिकों की भीड़ कम हो गई है। सोमवार को पुलिस का कड़ा पहरा होने की वजह से कोई भी बॉर्डर पार नहीं कर सका। अमृतसर से श्रमिकों का जत्था साइकिल से पहुंचा था। किसी तरह से यमुनानगर पुलिस से मिन्नत कर वह आगे निकल गए लेकिन यमुना पुल के दूसरी ओर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिस पर वह वापस लौट आए। रविवार को जो भी श्रमिक बॉर्डर प

By JagranEdited By: Publish:Tue, 31 Mar 2020 09:13 AM (IST) Updated:Tue, 31 Mar 2020 09:13 AM (IST)
खाद्य सामग्री के वाहनों के पहिये  भी थमे, गहरा सकता है संकट
खाद्य सामग्री के वाहनों के पहिये भी थमे, गहरा सकता है संकट

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

लॉकडाउन का पालन कराने को लेकर पुलिस सख्त होती ही जा रही है। बॉर्डर पर सील कर दी गई है। वाहनों व लोगों को पूरी तरह से रोक दिया गया है। वहीं इस सख्ती की वजह से ट्रांसपोर्टेशन में भी दिक्कत हो गई है। खाद्य सामग्री की सप्लाई नहीं होने की वजह से दुकानों पर भी स्टॉक खत्म होने लगा है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि खाद्य सामग्री की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।

रविवार को कलानौर बॉर्डर पर श्रमिकों की भीड़ कम हो गई है। सोमवार को पुलिस का कड़ा पहरा होने की वजह से कोई भी बॉर्डर पार नहीं कर सका। अमृतसर से श्रमिकों का जत्था साइकिल से पहुंचा था। किसी तरह से यमुनानगर पुलिस से मिन्नत कर वह आगे निकल गए, लेकिन यमुना पुल के दूसरी ओर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिस पर वह वापस लौट आए। रविवार को जो भी श्रमिक बॉर्डर पर पहुंचे थे। उन्हें भी शेल्टर होम में रखवाया गया है। जिले में अलग-अलग जगहों पर शेल्टर होम बनाए गए हैं। उनके ठहरने व खाने का इंतजाम शेल्टर होम में ही किया गया है।

आपातकालीन में जाने वालों को भी नहीं राहत :

आपातकालीन स्थिति में जाने वालों को भी राहत नहीं मिल रही है। पुलिस उन्हें भी वापस भेज रही है। कलानौर बॉर्डर पर नरवाना से पवन कुमार बाइक पर आए थे। उन्हें उत्तर प्रदेश में जाना था। पुलिस को उन्होंने डीसी की परमिशन भी दिखाई, लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया। बॉर्डर से ही उन्हें वापस लौटना पड़ा।

खाद्य सामग्री का ट्रांसपोर्टेशन सुनिश्चित करें सरकार :

किरयाना दुकानदार सुरेश कुमार, अमित कुमार व अनुज ने बताया कि दुकानें तो खोल रहे हैं, लेकिन स्टॉक कम रह गया है। होल सेलर से इस बारे में बात की, तो जवाब मिला कि ट्रांसपोर्टेशन में दिक्कत आ रही है। वाहनों को पुलिस रोक रही है। ऐसे में वह माल कैसे भिजवाए। यदि यही हालात रहे, तो दो दिनों में ही दुकानों का स्टॉक खत्म हो जाएगा। इसलिए सरकार खाद्य सामग्री वाले वाहनों को निकलने की इजाजत दे।

आटा मिलों से पिसवाया जाएगा गेहूं :

बाजार में आटा की मांग बढ़ गई है। इसके लिए अब ओपन मार्किट सेल स्कीम (डी) के तहत आटा मिलों के माध्यम से गेहूं पिसवाकर खुले बाजार में उपलब्ध करवाया जाएगा। इसमें गेहूं 2080 रुपये प्रति क्विंटल तथा एफएक्यू गेहूं 2135 रुपये प्रति क्विंटल भारतीय खाद्य निगम के मंडल डिपू से लिफ्ट कराई जाएगी। यह आटा होल सेल रेट पर 25 रुपये प्रति किलो तथा रिटेल 27 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जाएगा।

श्रमिकों को मिलेगा वेतन, किरायेदारों को भी छूट :

डीसी मुकुल कुमार का कहना है कि खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर कोई रोक नहीं है। इसके लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर परमिशन ली जा सकती है। वहीं केंद्र सरकार ने भी आदेश दिए हैं कि कोई भी मकान मालिक एक महीने का किराया अभी नहीं ले सकता और न ही मकान खाली करा सकता है। इसके अलावा श्रमिकों का भी वेतन नहीं काटा जाएगा। जो श्रमिक जिस फैक्टरी में कार्य कर रहे हैं। उनके रहने की भी वहीं पर व्यवस्था की जाएगी। यदि कोई फैक्टरी मालिक वेतन काटता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।

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