प्रदेशाध्यक्ष ने दिया पूर्व प्रदेशाध्यक्ष को कंधा, बोले- हमारे के लिए यह बड़ी क्षति

भाजपा की प्रथम प्रदेशाध्यक्ष व तीन बार कैबिनेट मंत्री रही 92 वर्षीय महिला का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 07:37 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 07:37 AM (IST)
प्रदेशाध्यक्ष ने दिया पूर्व प्रदेशाध्यक्ष को कंधा, बोले- हमारे के लिए यह बड़ी क्षति
प्रदेशाध्यक्ष ने दिया पूर्व प्रदेशाध्यक्ष को कंधा, बोले- हमारे के लिए यह बड़ी क्षति

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : भाजपा की प्रथम प्रदेशाध्यक्ष व तीन बार कैबिनेट मंत्री रही 92 वर्षीय डाक्टर कमला वर्मा का यमुना श्मशान घाट स्वर्ग आश्रम में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया। पुलिस की टु़कड़ी ने मातमी धुन बजाकर के साथ गार्ड आफ आनर दिया। बता दें कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डा. कमला वर्मा कोविड-19 ठीक होने के बाद 20 मई से ब्लैक फंगस की बीमारी से ग्रसित थीं। आठ जून को प्राइवेट अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उनके बडे़ बेटे कैप्टन राजीव वर्मा ने उनको मुखाग्नि दी।

डाक्टर कमला वर्मा की अंतिम संस्कार यात्रा में भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड के अलावा शिक्षा एवं वन मंत्री कवंरपाल, कुरूक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी, करनाल के सांसद संजय भाटिया, पूर्व मंत्री कर्ण देव कांबोज, विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, साढौरा के पूर्व विधायक बलवंत सिंह, हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष राम निवास गर्ग, समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा रोजी मलिक आनंद, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, मेयर मदन चौहान, वरिष्ठ उप मेयर प्रवीण शर्मा, जिलाध्यक्ष राजेश सपरा, डॉ. हर्ष, केवल कृष्ण लूथरा, गिरीश पूरी, डाक्टर हर्षवर्धन शर्मा, डा. कृष्ण सहित असंख्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। जिन्होंने दिवंगत आत्मा को भावभीनि श्रद्वांजलि दी व पुष्प अर्पित किए। हमारी मार्गदर्शक थीं, पार्टी के लिए बड़ी क्षति है ये

धनखड़ ने कहा कि स्वर्गीय कमला वर्मा ने जनसंघ व भाजपा के संगठन के लिए उस दौर में दिन-रात मेहनत की है, जब संगठन इतना सक्रीय नहीं था। पार्टी के लिए यह बड़ी क्षति है। प्रदेश की राजनीति में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शिक्षा मंत्री कंवरपाल, कुरूक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि भाजपा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व तीन बार कैबिनेट मंत्री रही डा. कमला वर्मा के निधन से उन्हें व प्रदेश वासियों को गहरा शोक है। वह प्रदेश की पहली महिला थी जो आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षक बनी। आपातकाल के दौरान जून 1975 से जनवरी 1977 तक अंबाला जेल में रही। वर्ष 1977, वर्ष 1987 व वर्ष 1995 में विधान सभा चुनाव में जीत कर वे हरियाणा में कैबिनेट मंत्री बनी।

स्वर्गीय डॉ. कमला वर्मा के पति डॉ. सत्यदेव वर्मा का पहले ही निधन हो गया था और उनके दो पुत्र राजीव वर्मा व राजन वर्मा है। वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़कर गई हैं। डॉ. कमला वर्मा युवावस्था में ही घरेलू जिम्मेदारियों के साथ राजनीति में सक्रिय भाग लेती रही। इसके अलावा वह विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों से भी जुड़ी रही। उन्होंने जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी में विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाती रही। शहर के विकास में उनकी अहम भूमिका रही। समाज के लिए अपूरणीय क्षति

आर्य समाज के जिला मंत्री मोहित आर्य ने कहा कि डा. कमला वर्मा के निधन से प्रदेश में एक अविस्मरणीय युग का अंत हो गया। उनके जैसी निडर, स्पष्टवादी, याज्ञिक, ओजस्वी आर्य विदुषी एवं राष्ट्रभक्त आत्माऐं धरती पर कभी कभार जन्म लेती हैं। समाज में उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। उन्होंने आर्य समाज यमुना नगर व गुरुकुल शादीपुर से वैदिक सिद्धांतों के साथ संघर्ष शुरू करके अलग पहचान बनाई। रावलपिडी से अलाहर जाते हुए रात्रि में यमुनानगर में प्रथम आगमन पर रात्रि विश्राम हमारे निवास पर हुआ था। तभी से उनका हमारे आर्य परिवार से पारिवारिक सदस्य की तरह सदैव विशेष लगाव रहा। ऐसी महान आत्मा का हमारे बीच न रहना आर्य समाज सहित पूरे राष्ट्र व हमारे परिवार के लिए व्यक्तिगत रूप में अपूर्णीय क्षति है।

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