सार्वजनिक शौचालयों के ताले खुलने पर पूरा होगा उद्देश्य

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : खुले में शौच मुक्त करने के लिए प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थाना

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jan 2019 01:02 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jan 2019 01:02 AM (IST)
सार्वजनिक शौचालयों के ताले खुलने पर पूरा होगा उद्देश्य
सार्वजनिक शौचालयों के ताले खुलने पर पूरा होगा उद्देश्य

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : खुले में शौच मुक्त करने के लिए प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय रखे गए हैं। इनमें से आधे से ज्यादा बदहाल स्थिति में हैं। कई पर तो ताले लटके हैं। इसके चलते ये कामयाब नहीं हो रहे हैं। ये बात प्रबुद्धजनों ने शुक्रवार को औद्योगिक क्षेत्र में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित पाठक पैनल में प्रबुद्ध जनों ने कही। देखरेख के अभाव में पाइप तक गायब हो चुके हैं। दैनिक जागरण के अभियान की सराहना की है।

पैनल में मौजूद लोग ने कहा कि जब ताले ही बंद करने थे, तो यहां रखे क्यों गए हैं। जिस उद्देश्य से यहां रखे गए। वह भी पूरा नहीं हो सका। औद्योगिक क्षेत्र की बात की जाए तो स्लम एरिया के नजदीक 10 से ज्यादा सार्वजनिक शौचालय रखे हैं। इन सभी पर यहां के लोगों का कब्जा है। सभी ने अपने नाम दरवाजे पर लिखे हैं। इनकी चाबी इनके पास रहती है। इनका प्रयोग केवल इनके परिवार ही करते हैं। राहगीरों को इनका कोई फायदा नहीं है। यही स्थिति दूसरे स्थानों पर रखे गए शौचालयों का है। प्रशासन को भी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है। फोटो : 19

कुछ लोगों ने जमा रखा कब्जा : गर्ग

सांई सौभाग्य के मुख्य महासचिव निपुण गर्ग ने कहा कि लोगो की सहूलियत के लिए सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय रखे गए थे। इन सभी पर ताले रहते हैं। इससे कुछ लोग ही इनका लाभ उठा पा रहे हैं। दैनिक जागरण का जन सुविधा अभियान सराहनीय है। निश्चित ही ये अभियान सफल होगा। लोगों को सार्वजनिक शौचालयों का फायदा भी होगा। फोटो : 20

प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत : श्रद्धा

श्रद्धा कहती हैं कि सेक्टर 17 में शनि मंदिर के नजदीक सार्वजनिक शौचालय हैं। ये भी केवल स्लम एरिया के लोगों की सुविधा के लिए है। राहगीरों खुले में ही शौच करते हैं। क्योंकि ताले लटके रहते हैं । इस तरफ प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।

फोटो : 21

श्रमिकों को होती है दिक्कत : डोली

डोली का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र में जिस जगह पर शौचालय रखे गए हैं। वहां हजारों की संख्या में श्रमिक काम करने आते हैं। किसी भी फैक्टरी में इतने शौचालय नहीं होते हैं जिनको सभी प्रयोग कर सके। लंच टाइम में लेबर बाहर आती है। ताले बंद रहते हैं तो इनका कोई लाभ नहीं उठा पाते हैं। फोटो : 22

बस स्टैंड के नजदीक भी रखे जाए : ममता

ममता कहती हैं कि बस स्टैंड के नजदीक से बहुत से लोग गुजरते हैं। बस स्टैँड परिसर में शौचालय कम हैं। इसके नजदीक भी प्रशासन को सार्वजनिक शौचालय रखने चाहिए।जिससे लोगों की परेशानी कम हो सकें। दैनिक जागरण की मुहिम अच्छी है। फोटो : 23

कराई जाए मरम्मत : उश्मनी

उश्मनी का कहना है कि सेक्टर 18 में पार्क के अंदर घूमने हजारों की संख्या में लोग आते हैं। यहां कोई शौचालय नहीं हैं। प्रशासन को यहां भी सार्वजनिक शौचालय रखने चाहिए। जहां बदहाल स्थिति में है। वहां भी मरम्मत कराई जाए। फोटो : 24

नियमित हो सफाई : प्रतिभा

प्रतिभा कहती हैं कि तेजली खेल परिसर में शौचालय हैं। सफाई नियमित नहीं की जाती है। इसलिए उनकी प्रशासन से मांग है कि सफाई की व्यवस्था कराई जाए। जिससे ये प्रयोग में लाई जा सके। दैनिक जागरण का अभियान बहुत अच्छा है।

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