पुलिस ने किशोरी को बहलाकर ले जाने के केस में नहीं लगाया पोक्सो, मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची जांच करने

किशोरी को बहला फुसलाकर ले जाने के केस में पुलिस ने पोक्सो न

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Nov 2020 09:10 AM (IST) Updated:Wed, 18 Nov 2020 09:10 AM (IST)
पुलिस ने किशोरी को बहलाकर ले जाने के केस में नहीं लगाया पोक्सो, मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची जांच करने
पुलिस ने किशोरी को बहलाकर ले जाने के केस में नहीं लगाया पोक्सो, मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची जांच करने

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

किशोरी को बहला फुसलाकर ले जाने के केस में पुलिस ने पोक्सो नहीं लगाया। जिस पर पीड़ित स्वजनों ने मानवाधिकार आयोग को शिकायत भेजी। आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूृझकर इस मामले में हल्की धाराएं लगाई। इस शिकायत पर आयोग ने संज्ञान लिया। मंगलवार को आयोग की टीम ने इस मामले की जांच के लिए पहुंची। यहां पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में टीम ने इस केस से जुड़े जांच अधिकारी व पुलिसकर्मियों से बात की। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों से भी बात की।

दरअसल, 25 अगस्त को हमीदा पुलिस चौकी में किशोरी की गुमशुदगी का केस दर्ज हुआ था। किशोरी की मां ने शिकायत दी थी कि उनके पास चार बच्चे हैं। बड़ी बेटी 14 वर्ष की है। 24 अगस्त को वह फैक्ट्री में मजदूरी के लिए गई थी। जब वापस आई, तो बेटी गायब मिली। बाद में पता लगा कि उसके हर्ष नाम का युवक बहला फुसलाकर ले गया है। पुलिस ने बाद में किशोरी को बरामद किया, लेकिन मामले में छेड़छाड़ की धारा इजाद की। पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए ही महिला की ओर से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली को शिकायत भेजी गई थी। तीन दिन तक रहेगी टीम

मंगलवार को दोपहर दो बजे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली से विमलजीत सिंह व उनकी पत्नी पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पहुंचे। उनके यहां पहुंचने से पहले ही महिला थाना प्रभारी सोमवती व हमीदा चौकी इंचार्ज शमसेर सिंह पहुंच गए थे। इसके अलावा बाल विवाह निषेध अधिकारी अरविद्रजोत कौर भी पहुंचीं। आते ही टीम ने बंद कमरे में पुलिसकर्मियों से इस केस के संबंध में बात की। करीब एक घंटे तक बंद कमरे में इस केस से जुड़े पुलिसकर्मियों से बात की गई। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग से सिविल सर्जन डा. विजय दहिया, आरएमओ डा. विपुल गोयल व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. विजय विवेक भी पहुंचे। उनसे भी आयोग की टीम ने बात की। आयोग की टीम ने इस बारे में अभी अधिक जानकारी नहीं दी। आयोग की टीम से विमलजीत सिंह ने कहा कि अभी वह केस की जांच कर रहे हैं। तीन दिन तक यही रहेंगे। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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