2018 दे गया कई बड़ी सौगात, बदल गया शहर का ढांचा
वर्ष 2018 शहर को कई बड़ी सौगातें दे गया। नगर निगम एरिया में अलग-अलग परियोजनाओं पर सौ करोड रुपये खर्च किए जा चके हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वर्ष-2018 शहर को कई बड़ी सौगातें दे गया। नगर निगम एरिया में अलग-अलग परियोजनाओं पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसके अलावा 69 अनियमित कॉलोनियों के विकास के रास्ते खुले हैं। विभिन्न कार्यो के लिए 65 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बन चुका है। 42 को नियमित कर दिया गया है जबकि 27 पाइप लाइन में हैं। 700 करोड़ कैल से कलानौर तक बाइपास बनने से न केवल शहरवासियों को राहत मिली है बल्कि पड़ोसी राज्यों में आवागमन भी सुगम हुआ है।
फव्वारा चौक से अग्रसैन चौक तक सिक्स लेन
वाहनों के दबाव को देखते हुए आठ करोड़ रुपये की लागत से फव्वारा चौक से लेकर अग्रसेन चौक तक मार्ग सिक्लेन हुआ। यहां जाम की समस्या से काफी राहत मिली है। इसके अलावा डेढ़ करोड़ रुपये से मॉडल टाउन की अन्य सड़कों का सुधार हुआ। एक करोड़ रुपये प्यारा चौक से लेकर नेहरू पार्क तक सड़क का निर्माण चल रहा है। इनसेट
बाईपास और ¨रग रोड से मिली राहत
कलानौर से कैल गांव तक बाइपास चालू होने से बड़ी राहत मिली है। अब शहर के बीचोबीच गुजर रहे हाईवे पर जाम और हादसों की संभावना कम रह गई है। बाइपास चालू होने के बाद यहां वाहनों का दबाव कम हुआ है। शहरवासियों के अलावा आसपास के गांवों व उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जाने का रास्ता भी आसान हो गया है। छछरौली रोड से कैल गांव तक ¨रग रोड बनने से भारी वाहन शहर में प्रवेश नहीं करते बल्कि बाहर से ही गुजरते हैं। पहले भारी वाहन शहर के अंदर से होकर जाते थे और दिनरात जाम की स्थिति बनी रहती थी।
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अब मिल सकेंगी मूलभूत सुविधाएं
ट्विनसिटी की 69 अनियमित कॉलोनियों को नियमित किए जाने का रास्ता भी इसी वर्ष साफ हुआ है। यह योजना लंबे अर्से से लटकी हुई थी। अब इन कॉलोनियों में सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकेंगी। प्रदेश की एक हजार कॉलोनियों को नियमित करने के प्रस्ताव सरकार के पास गया था, जिसमें से 502 कालोनियों को नियमों की कसौटी पर खरा पाया गया। इनमें से 42 कॉलोनियां यमुनानगर-जगाधरी की हैं। 27 और कॉलोनियों को नियमित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इन कॉलोनियों में विभिन्न प्रकार के विकास कार्यो के लिए 65 करोड़ रुपये का एस्टीमेट भी तैयार हो गया है।
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14 वर्ष से अटकी योजना पर हुआ काम
डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए वर्ष-2004 में दड़वा, कैल, रायपुर और औरंगाबाद में जमीन का अधिग्रहण किया था। दो वर्ष बाद व्यवसायियों को प्लाट अलॉट कर दिए गए थे। तब से अब तक यह योजना अधर में लटकी हुई थी। वर्ष-2018 में शहर की विभिन्न कॉलोनियों से 300 से ऊपर डेयरियों को कांप्लेक्स में शिफ्ट करवाया गया है। कांप्ल्ेक्स में सुविधाएं मुहैया करवाने का काम चल रहा है। बाहर शिफ्ट होने से शहर में गंदगी नहीं फैलेगी।
शादीपुर रोड का हुआ सुधार
10 वर्ष से बदहाल हुआ शादीपुर मार्ग के दिन इस वर्ष बहुरे। पानी की निकासी न होने के कारण शादीपुर पुल से लेकर आश्रम तक जल भराव की स्थिति बनी रहती थी। नगर निगम ने शादीपुर में पं¨पग सेट लगवाकर पानी की निकासी एसटीपी तक करवाई। ऐसा करने से शादीपुर सहित आसपास के गांवों को भी फायदा हुआ है। ये परियोजनाएं हो गई रद
शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की घोषणा की गई थी। क्योंकि ऐसी व्यवस्था न होने के कारण ट्रक हाइवे पर खड़े होते हैं। लेकिन आज तक इस घोषणा पर अमल नहीं हुआ। बाद में जमीन न मिलने के कारण नगर निगम अधिकारियों ने इस घोषणा का रद कर दिया।
जगाधरी जल प्रदूषण की समस्या को देखते हुए विस अध्यक्ष कंवर पाल की सिफारिश पर छछरौली अनाज मंडी से सीएम ने कॉमन इन्फ्लूंस ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने की घोषणा की थी, लेकिन यह घोषणा जन स्वासथ्य विभाग, नगर निगम, रेड क्रास व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के बीच ही फंसकर रह गई। बाद में बाद में 4 नवम्बर-2016 को रद की करना पड़ा। शहर के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। बिना भेदभाव के विकास कार्य कराए। बाईपास और ¨रग रोड बनने से शहरवासियों को बड़ा फायदा हुआ है। इसके अलावा अनियमित कॉलोनियों को नियमित किए जाने का काम हमारी सरकार ने किया। जो कार्य पें¨डग हैं, उन्हें नव वर्ष में पूरा करवा दिया जाएगा।
घनश्याम दास अरोड़ा, विधायक।