दो काम अधूरे तो ठेकेदार को नहीं मिलेगा तीसरा काम

विकास कार्यों को अधर में छोड़ने वाले ठेकेदारों पर नगर निगम ने सख्ती कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:53 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:53 AM (IST)
दो काम अधूरे तो ठेकेदार को नहीं मिलेगा तीसरा काम
दो काम अधूरे तो ठेकेदार को नहीं मिलेगा तीसरा काम

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : विकास कार्यों को अधर में छोड़ने वाले ठेकेदारों पर नगर निगम ने सख्ती करनी शुरू कर दी है। अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि यदि किसी ठेकेदार को अलॉट हुए दो काम अधर में हैं, तो उसको तीसरा काम नहीं मिलेगा। यदि टेंडर भरता भी है तो उसको रद कर दिया जाएगा। इस निर्णय से जहां शहर के विकास में तेजी आएगी वहीं अधिक से अधिक ठेकेदारों को काम मिल सकेगा। कार्य चुनिदा ठेकेदारों तक सीमित नहीं रहेंगे। बता दें कि एक ठेकेदार कई-कई काम ले लेता है, लेकिन उनको शुरू कर अधर में छोड़ देता है।

नगर निगम के 22 वार्डों में 100 करोड़ से अधिक के कार्यों के टेंडर लगे हुए हैं। गलियों व नालियों के निर्माण के साथ-साथ कई बड़े प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। शहर में चल रहे विभिन्न कार्यों में लेटलतीफी व मनमानी की शिकायतों के आधार पर अधिकारियों ने यह निर्णय लिया है। नगर निगम अधिकारियों ने इस प्लानिग पर काम करना शुरू कर दिया है। निगम अधिकारियों के मुताबिक एक ठेकेदार 10-10 काम ले लेता है। लेबर व संसाधन पर्याप्त नहीं होते। एक काम शुरू कर बाकी अधर में छोड़ दिए जाते हैं। इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ता है। इसलिए अब निगम अधिकारियों ने यह निर्णय लिया है।

अलॉट होने के बावजूद शुरू नहीं होते काम

वर्क अलॉट होने के बावजूद कई-कई माह तक काम शुरू नहीं किया जाता है। गत माह हुई हाउस की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया था। मधु चौक से लेकर कन्हैया साहिब चौक तक नाले का निर्माण अधर में पड़ा हुआ है। मानसून सीजन में क्षेत्रवासियों की परेशानी बढ़ना तय है। क्योंकि क्षेत्र में पानी की निकासी की बड़ी समस्या है। दूसरा, छोटी लाइन से हुडा सेक्टर-17 की ओर जाने वाली सड़क का निर्माण भी कछुआ गति से हो रहा है। गत दिनों पार्षद राम आसरे ने इसकी शिकायत भी दी थी। इसके अलावा अन्य वार्डों में भी गलियों व नालियों के निर्माण का काम अधर में है।

ताकि शहरवासियों को न हो परेशानी

यदि दो काम पेंडिग हैं तो तीसरा काम ठेकेदार को नहीं दिया जाएगा। विकास कायों में तेजी लाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। ठेकेदार कई-कई काम ले लेते हैं, लेकिन निर्धारित अवधि में पूरा नहीं कर पाते। अधूरे विकास कार्यों के चलते शहरवासियों की परेशानी बढ़ जाती है।

आनंद स्वरूप, एसई, नगर निगम।

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