मंदी की चपेट में होटल, दो माह में 30 फीसद घटे ग्राहक

मंदी का असर होटलों पर भी दिख रहा है। गत दो माह के दौरान होटलों में आने वाले ग्राहकों की संख्या 30 फीसद तक कम हो गई है। इससे संचालक तनाव में हैं। उनका मानना है कि अभी डेढ़ से दो माह तक ऐसे ही दिन देखने पड़ सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Aug 2019 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 30 Aug 2019 07:00 AM (IST)
मंदी की चपेट में होटल, दो माह में 30 फीसद घटे ग्राहक
मंदी की चपेट में होटल, दो माह में 30 फीसद घटे ग्राहक

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मंदी का असर होटलों पर भी दिख रहा है। गत दो माह के दौरान होटलों में आने वाले ग्राहकों की संख्या 30 फीसद तक कम हो गई है। इससे संचालक तनाव में हैं। उनका मानना है कि अभी डेढ़ से दो माह तक ऐसे ही दिन देखने पड़ सकते हैं। खाली पड़े हैं कमरे

होटलों में 70 फीसद से ज्यादा कमरे खाली पड़े हैं। दूसरे राज्यों व जिलों से आने वाले लोगों की संख्या घट गई है। संचालकों का मानना है कि वैसे तो नोटबंदी के बाद से ही होटलों पर असर पड़ना शुरू हो गया था, परंतु दो माह से हालात ज्यादा खराब हो गए हैं। होटलों का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय लोग होटल में तभी आते हैं, जब उनके पास खर्च करने को अतिरिक्त रुपया हो। प्लाईवुड इंडस्ट्री पर निर्भर 50 फीसद काम : होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन यमुनानगर से 16 होटल जुड़े हैं, लेकिन इससे कहीं ज्यादा होटल ऐसे हैं जो इनके सदस्य नहीं हैं। होटलों का 50 फीसद काम जिले की प्लाईवुड इंडस्ट्री पर निर्भर है, क्योंकि यहां बनी प्लाई देशभर में जाती है। दूसरे राज्यों के लोग इस कारोबार के सिलसिले में यमुनानगर आते रहते हैं। व्यापारी होटलों में रुकते हैं। इतना ही नहीं प्लाईवुड एसोसिएशन की मीटिग भी होटलों में ही होती है, लेकिन इन दिनों मंदी का सबसे ज्यादा असर प्लाईवुड इंडस्ट्री पर पड़ा है। दर्जनों उद्योगों पर ताला लटक चुका है। व्यापार कम होने से होटलों पर भी असर देखा जा रहा है। फोटो : 16

जल्द संकट दूर होगा

सफायर होटल के वाइस प्रेसिडेंट आइसी सिघल का कहना है कि ग्राहक कम हैं। शादियों के शुभ मुहुर्त भी नहीं हैं। उम्मीद है कि रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को जो पौने दो लाख करोड़ रुपये दिए हैं, उससे संकट के बादल छंट जाएंगे। ये पैसा इसलिए दिया गया है कि देश की अर्थव्यवस्था को डाउन न होने दिया जाए। काफी नुकसान हो रहा है

ऑर्चिड स्क्वायर होटल के मैनेजर मनीष गांधी ने बताया कि प्लाईवुड इंडस्ट्री के घाटे में जाने से होटलों पर काफी असर पड़ा है। जो व्यक्ति पहले 200 लोगों को होटल में पार्टी देता था वह अब 100 को बुलाने लगा है। अब श्राद्ध व नवरात्र शुरू हो जाएंगे। अक्टूबर में ही शादियों के मुहुर्त है। तब कुछ हालात सुधरने के आसार हैं। होटलों पर बुरा असर हुआ है

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन यमुनानगर के प्रेसिडेंट रमन शर्मा का कहना है कि मंदी की वजह से होटलों में ग्राहक 30 फीसद कम हो गए हैं। दूसरा छोटे-छोटे रेस्टोरेंट ज्यादा खुल गए हैं। इनकी वजह से भी असर पड़ा है। यही हाल रहा तो खर्चे कम करने पड़ेंगे।

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