भठगांव के बुजुर्गो की मरने के बाद भी जारी होती रही पेंशन

अमित कौशिक सोनीपतआरटीआइ (सूचना का अधिकार) के माध्यम से गांव भठगांव डुंगरान में मृत लोगों की पेंशन गबन किए जाने का मामला सामने आया है। भठगांव निवासी बलवीर ने विभिन्न विभागों में आरटीआइ से जानकारी एकत्रित की तो इस धोखाधड़ी का रहस्योद्घाटन हुआ। अब बलवीर ने उपायुक्त के साथ ही सीएम विडो पर शिकायत देकर पूर्व सरपंच के पूरे कार्यकाल की जांच कराने की मांग की है। भठगांव निवासी बलवीर ने बताया कि उनके गांव में एक पूर्व महिला सरपंच के कार्यकाल में कई अनियमितताएं बरती गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Mar 2019 05:24 PM (IST) Updated:Mon, 11 Mar 2019 05:24 PM (IST)
भठगांव के बुजुर्गो की मरने के बाद भी जारी होती रही पेंशन
भठगांव के बुजुर्गो की मरने के बाद भी जारी होती रही पेंशन

अमित कौशिक, सोनीपत :

आरटीआइ (सूचना का अधिकार) के माध्यम से गांव भठगांव डुंगरान में मृत लोगों की पेंशन गबन किए जाने का मामला सामने आया है। भठगांव निवासी बलवीर ने विभिन्न विभागों में आरटीआइ से जानकारी एकत्रित की तो इस धोखाधड़ी का पता चला। अब बलवीर ने उपायुक्त के साथ ही सीएम विडो पर शिकायत देकर पूर्व सरपंच के पूरे कार्यकाल की जांच कराने की मांग की है।

भठगांव निवासी बलवीर ने बताया कि उनके गांव में एक पूर्व सरपंच के कार्यकाल में कई अनियमितताएं बरती गई थी। इसलिए उन्होंने सच्चाई सामने लाने के लिए समाज कल्याण विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में आरटीआइ लगाई, जिसमें पता चला कि उनके गांव में दो बुजुर्ग महिला व एक पुरुष का पेंशन उनके निधन के बाद भी जारी होता रहा। उनके नाम का यह पेंशन किसने लिया यह जांच का विषय है। समाज कल्याण व स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड ने उठाया पर्दा

भठगांव पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) से मिली जानकारी के अनुसार चंद्रो की मृत्यु 7 सितंबर 2006 को हुई थी जबकि जबकि समाज कल्याण विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार चंद्रो की बुढ़ापा पेंशन सितंबर 2007 तक रिकॉर्ड में दिखाई गई है। वहीं गांव की ही अन्य महिला खजानी की मृत्यु 23 सितंबर 2007 को हुई थी। समाज कल्याण विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार उनकी पेंशन फरवरी 2018 तक जारी होती रही। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के मृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार गांव के ही एक बुजुर्ग धर्मा की मृत्यु 24 फरवरी 2007 को हुई थी। जबकि समाज कल्याण विभाग के पेंशन रिकॉर्ड के अनुसार मृत्यु के बाद भी उनकी एक पेंशन जारी हुई दिखाई गई है। आरटीआइ से सूचना मांगने वाले बलवीर ने मांग की है कि इसकी जांच निष्पक्ष और बेहतर ढंग से की जानी चाहिए।

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