नाम बड़े और दर्शन छोटे

आम आदमी को तुरंत न्याय दिलाने के मकसद से शुरू की गई सीएम ¨वडो व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। सीएम ¨वडो पर आई शिकायतों का सही समय पर निपटारा नहीं कर कई बार अधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से आवेदन का निपटारा कर दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला गांव नई बसौदी का है। शिकायतकर्ता जगबीर ने बताया कि एक साल में तीन बार सीएम ¨वडो पर शिकायत दी गई, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। यही नहीं, उनका कहना है कि यह गांव की सामूहिक समस्या है, लेकिन चंद लोगों की मिलीभगत से उनके आवेदन पर कार्रवाई नहीं हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 06:19 PM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 06:19 PM (IST)
नाम बड़े और दर्शन छोटे
नाम बड़े और दर्शन छोटे

जागरण संवाददाता, सोनीपत : आम आदमी को तुरंत न्याय दिलाने के मकसद से शुरू की गई सीएम ¨वडो व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। सीएम ¨वडो पर आई शिकायतों का सही समय पर निपटारा नहीं कर कई बार अधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से आवेदन का निपटारा कर दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला गांव नई बसौदी का है। शिकायतकर्ता जगबीर ने बताया कि एक साल में तीन बार सीएम ¨वडो पर शिकायत दी गई, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। यह गांव की सामूहिक समस्या है, लेकिन चंद लोगों की मिलीभगत से उनके आवेदन पर कार्रवाई नहीं हो रही है।

मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए सीएम ¨वडो की अवधारणा ही यही थी कि आम लोगों की समस्याओं का समय पर समाधान हो और इस पर वरिष्ठ अधिकारी भी सीधी नजर रख सकें। सरकार और अधिकारी सीएम ¨वडो की सफलता के जितने कसीदे पढ़ लें, लेकिन हकीकत वैसा नहीं है। एक छोटा सा उदाहरण इसकी हकीकत बयां करने के लिए काफी है। जिला के गांव नई बसौदी में गंदे पानी की निकासी के लिए नाला का निर्माण कार्य चल रहा था। गांव के बाहर नाला का निर्माण हो चुका है, केवल गांव के अंदर करीब 100 मीटर नाला निर्माण शेष है। करीब एक वर्ष से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन इसका निर्माण नहीं हो रहा है। इसको लेकर गांव के रहने वाले जगबीर ने करीब एक वर्ष पहले सीएम ¨वडो पर शिकायत दर्ज कराई थी। जगबीर ने बताया कि शिकायत के बाद उसे आश्वासन दिया गया कि जल्द ही इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन काम भी शुरू नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने फिर से सीएम ¨वडो पर शिकायत की। अब तक वे तीन बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। दैनिक जागरण को फोन कर जगबीर ने बताया कि हर बार आवेदन अधिकारियों के पास से होता हुआ गांव के सरपंच के पास पहुंच जाता है और कोई कार्रवाई नहीं होती। पिछले तीन-चार माह से काम पूरी तरह से बंद पड़ा है। सीएम ¨वडो पर ऐसे होता है काम

सीएम ¨वडो पर ऑनलाइन आवेदन किया जाता है। आवेदन के बाद आवेदनकर्ता को रसीद मिलती है और उसके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए भी इसकी सूचना पहुंच जाती है। आवेदन को तत्काल संबंधित विभाग के अधिकारी के पास भेज दिया जाता है। सामान्य तौर पर आवेदन के निपटारे का समय 30 दिन होता है, लेकिन कुछ आवेदनों में लंबी प्रक्रिया के चलते विभाग की ओर से 60 दिन का समय मांगा जा सकता है। इस वर्ष जिला में सीएम ¨वडो की स्थिति

1 जनवरी से 15 फरवरी तक प्राप्त आवेदन : 248

आवेदनों का निपटारा : 59

संबंधित विभाग के पास लंबित : 189

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