हरियाणा के डबवाली का है 'द जंगल बुक' का माेगली

हाॅलीवुड एडवेंचर फिल्‍म 'द जंगल बुक' में मोगली का मुख्‍य किरदार निभाकर सबका दिल जीतने वाला नील सेठी मूल रूप से हरियाणा के डबवाली का है। उसका परिवार काफी पहले अमेरिका में बस गया था, लेकिन उनका सिरसा जिले के डबवाली वे साल में एक बाद जरूर आते हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 22 Apr 2016 05:13 PM (IST) Updated:Fri, 22 Apr 2016 05:58 PM (IST)
हरियाणा के डबवाली का है 'द जंगल बुक' का  माेगली

जागरण संवाददाता, सिरसा। अमेरिका में बनी एडवेंचर फिल्म 'द जंगल बुक' के मुख्य पात्र मोगली का किरदार निभाने वाला नील सेठी मूल रूप से हरियाणा के डबवाली का रहनेवाला है। वर्तमान में वे अमेरिका के बाशिंदे हैं,लेकिन उनका नाता सिरसा जिले के डबवाली से आज भी बना हुआ है। पूरा परिवार हर साल यहां आता है।

नील के दादा डॉ. रामजीदास सेठी का जन्म डबवाली में ही हुआ था। करीब 45 साल पहले अमेरिका में जाकर बसे डॉ. रामजीदास अब भी हर साल डबवाली आते हैं। उनका पुश्तैनी मकान यहीं के अरोड़वंश गुरुद्वारा के पीछे स्थित है और डॉ. रामजीदास के पिता खेतूराम सेठी के नाम से कई सामाजिक व खेल संस्था चल रही हैं।

फिल्म 'द जंगल बुक' के अभिनेता नील के दादा थे डेंटल सर्जन

मात्र 13 साल की उम्र में हॉलीवुड में अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाला नील सेठी भी डबवाली आया था। फिल्म में नील ने मुख्य पात्र मोगली का किरदार निभाकर बड़ी हस्तियों से लेकर आम सिनेमा प्रेमियों को अपना दीवाना बना दिया है। अब तक यह फिल्म 600 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार कर चुकी है।

नील जहां अमेरिका में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहा है, वहीं उनके दादा डबवाली की प्रतिभाओं का हुनर निखारने में लगे हैं। यहां वे ख्ेाल प्रतिभाओं को निखारने के लिए अपने खेल क्लब के माध्यम से संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं।

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नील के माता-पिता हैं डेंटल सर्जन

नील के दादा डॉ. रामजीदास अब रिटायर हो चुके हैं। पहले उन्होंने डेंटल सर्जन के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। नील के पिता डॉ. सैम और माता डॉ. रतना सेठी भी अमेरिका में डेंटल सर्जन हैं। नील के दादा के दो भाई और बहन का परिवार भी अमेरिका में ही बसा हुआ है।

लंबे समय से बाहर रहने के बावजूद परिवार की जड़ें आज भी डबवाली से जुड़ी हुई हैं। हर वर्ष परिवार यहां आकर सामाजिक दायित्व निभाता है। हालांकि नील सेठी अभी भारत में सिर्फ तीन-चार बार ही आया है। बचपन के दौरान ही उसके माता-पिता उसे डबवाली लेकर आए थे।

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प्रतिभा के कायल हो गए फिल्म के डायरेक्टर

दिसंबर 2003 में अमेरिका में जन्मे नील अभी छठीं कक्षा के छात्र है। 'द जंगल बुक' फिल्म के निदेशक जॉन फेवरू ने नील सेठी को उसके स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अभिनय करते देखा। तभी उन्होंने 13 साल के इस बच्चे को अपनी फिल्म में लीड रोल देने का फैसला कर लिया।

परिजनों के अनुसार, फिल्म में अभिनय के लिए नील को 30 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था। परिवार के अन्य सदस्यों की सहमति के बाद नील सेठी ने रोल अदा करने की सहमति दी और अब पूरे विश्व में उसके अभिनय का डंका बज रहा है।

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नील के दादा ने डबवाली में खोला स्कूल

नील सेठी के दादा डॉ. रामजीदास सेठी अमेरिका में जाने के बाद दस साल तक डबवाली में स्कूल बनाने के लिए प्रयास करते रहे। बाद में सबके सहयोग से ढाई एकड़ जगह पर उन्होंने खेतूराम सेठी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बनवाया। साथ ही अन्य बच्चों का हुनर निखारने के लिए भी उन्होंने डबवाली के ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में खेतूराम सेठी स्पोट्र्स क्लब खुलवाया।

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चचेरा भाई भी है थियेटर कलाकार

फिलहाल डबवाली में रहने वाले नील सेठी के दादा डॉ. रामजीदास के भतीजे नरेंद्र सेठी बताते हैं कि नील का चचेरा भाई भी थियेटर कलाकार है। उसी से उसने अभिनय की प्रेरणा ली है। उनका परिवार हर साल डबवाली आता है। पिछले महीने भी नील के दादा एक महीने तक भारत में रहे थे, जिसमें से चार दिन उन्होंने डबवाली में बिताए।

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