रोडवेज की बसों के थमे पूरी तरह से पहिए, निजी 105 बसों के हवाले हुआ यात्रियों का सफर

जागरण संवाददाता, रोहतक : रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के तीसरे दिन बसों के पहिए पूर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Oct 2018 07:18 PM (IST) Updated:Thu, 18 Oct 2018 07:18 PM (IST)
रोडवेज की बसों के थमे पूरी तरह से पहिए, निजी 105 बसों के हवाले हुआ यात्रियों का सफर
रोडवेज की बसों के थमे पूरी तरह से पहिए, निजी 105 बसों के हवाले हुआ यात्रियों का सफर

जागरण संवाददाता, रोहतक : रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के तीसरे दिन बसों के पहिए पूरी तरह से थम गए। कर्मचारियों की एकजुटता के आगे प्रशासन की सांसे फूल गईं। यात्री तड़के से लेकर रात तक परेशान रहे। इसकी वजह थी कि बृहस्पतिवार को सुबह बिना परिचालक(कंडक्टर) के ही बसों का आवागमन हुआ। इसमें भी ज्यादातर बसें रास्ते से वापस लौट आईं। प्रशासन ने 70 परमिट वाली निजी बसों का संचालन शुरू करा दिया है। इसके साथ ही निजी स्कूल, ट्रैवल कंपनी आदि की 35 अन्य बसों को सड़कों पर उतार दिया है। इसलिए सुबह से देर रात तक 105 निजी बसों के हवाले यात्रियों का सफर रहा। वहीं, हड़ताल लंबी ¨खचने के लिए अंदेशे के चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने रोडवेज के अफसरों व पुलिस के साथ गोपनीय रणनीति बनाई है। देर रात तक प्रशासनिक अधिकारी डेरा डाले रहे।

चंडीगढ़, आगरा, जींद, पानीपत आदि रूट पर बस में नहीं थे कंडक्टर

सुबह साढ़े तीन बजे से रोडवेज की बसों को वर्कशॉप से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में निकालने की शुरूआत हुई। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सबसे पहले चंडीगढ़, आगरा, दिल्ली, पानीपत, जींद आदि रूट की बस पहुंची। हालांकि संबंधित सभी बस भी बिना परिचालक(कंडक्टर) के निकलीं।

65 बसों का संचालन दावा, लेकिन चलीं सिर्फ 20 वह भी वापस लौंटी

रोडवेज के अधिकारियों ने देर रात तक 93 ग्रामीण रूट के साथ ही 192 में से 65 बसों के संचालन का दावा किया है। हालांकि सूत्रों का दावा है कि सिर्फ 20 बसों को ही वर्कशॉप से निकाला गया। यह बसें भी रास्तों से वापस लौंट आईं। इसकी वजह थी कि यह सभी बसें बिना कंडक्टर के बस अड्डे से निकली थीं।

छावनी में तब्दील हुआ बस अड्डा, विरोध को नहीं आए कर्मचारी नेता

रोडवेज कर्मियों की हड़ताल तीसरे दिन बढ़ा दी गई, इसलिए बुधवार की रात से ही पुलिस तैनात रही। जबकि बृहस्पतिवार को सुबह तीन बजे से ही बस अड्डे के आवागमन वाले रास्तों, टिकट काउंटर, बूथ, वर्कशॉप के बाहर भारी पुलिस तैनात रहा। हालांकि मौके पर विरोध करने के लिए कोई भी कर्मचारी नेता नहीं आए।

स्कूलों, कंपनियों, ट्रैवल की बसों को 30 रुपये प्रति किमी होगा भुगतान

सुबह साढ़े पांच बजे तक कर्मचारी आने को राजी नहीं हुए तो यात्री परेशान होने लगे। इसलिए सुबह साढ़े छह बजे से परमिट वाली 70 बसों का संचालन शुरू करा दिया। जबकि शाम को निजी स्कूलों, कंपनियों आदि की बसों को बुलाया गया है। इन्हें 30 रुपये प्रति किमी के हिसाब से रोडवेज प्रशासन भुगतान करेगा।

उच्चाधिकारियों ने संभाला मोर्चा, कर्मचारियों के टोटे के चलते कार्रवाई नहीं हुई

हड़ताल के दौरान बसों के संचालन के लिए सीधे तौर से अब जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग, एडीसी अजय कुमार व पुलिस के अधिकारी निगरारी कर रहे हैं। व्यवस्थाओं का जायजा लेने एडीसी बस अड्डे पर शाम को पहुंचे। वहीं, कार्रवाई के आदेश हो गए हैं, लेकिन कर्मचारियों के टोटे के चलते कार्रवाई हुई नहीं।

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