1453 अवैध इमारतों के बहुरेंगे दिन, फीस जमा कराकर तीन माह में करा सकेंगे वैध

जागरण संवाददाता रोहतक शहरी क्षेत्र में नक्शों के विपरीत या फिर बिना अनुमति के निर्मित

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Mar 2019 07:30 PM (IST) Updated:Mon, 25 Mar 2019 07:30 PM (IST)
1453 अवैध इमारतों के बहुरेंगे दिन, फीस जमा कराकर तीन माह में करा सकेंगे वैध
1453 अवैध इमारतों के बहुरेंगे दिन, फीस जमा कराकर तीन माह में करा सकेंगे वैध

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहरी क्षेत्र में नक्शों के विपरीत या फिर बिना अनुमति के निर्मित हो चुकी इमारतें के वैध होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। शहरी क्षेत्र में करीब 1453 अवैध इमारतें हैं। तीन माह में नगर निगम कार्यालय में लिखित में आवेदन और फीस जमा कराकर मंजूरी लेनी होगी। आवेदन के साथ ही 6090 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से फीस जमा करानी होगी। पहले यही फीस 12180 रुपये थी। सोमवार से निगम प्रशासन ने सभी अवैध इमारतों के स्वामियों को नोटिस देना शुरू कर दिया है।

यहां बता दें कि सात मार्च को कैबिनेट में हुए फैसले के आदेश की कॉपी नगर निगम अफसरों को मिल चुकी है। कैबिनेट की बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने शहरी क्षेत्र में बिना नक्शे निर्माण हुए व्यवसायिक भवनों की नियमतिकरण करने की दरें मंजूर की थीं। नगर निगम के आयुक्त आरएस वर्मा ने बताया कि नियमतिकरण की दर साल 2016 की नीति से यह आधी रकम है। जानकार यह भी कहते हैं कि ऑफलाइन ही आवेदन नगर निगम कार्यालय में जमा होंगे। तीन सेट में आवेदन होंगे। कई अहम दस्तावेज भी आवेदन के साथ जमा कराने होंगे। टीपी स्कीम, नगर सुधार मंडल की कालोनियों को भी मिलेगा लाभ

सरकार ने व्यवसायिक भवनों की नियमतिकरण करने की दरें घोषित कर दी हैं। टीपी स्कीम, नगर सुधार मंडल, आठ और चार मरला से संबंधित कालोनी वालों को भी योजना का लाभ मिलेगा। योजना से जुड़े अधिकारी कहते हैं कि आठ और चार मरला कालोनियों में शिवाजी कालोनी है। टीपी स्कीम में झंग कालोनी, जवाहर कॉलोनी, देव कॉलोनी, संत नगर, गांधी नगर, सुभाष नगर आदि शामिल हैं। वहीं, नगर सुधार मंडल के तहत इंदिरा कॉलोनी शामिल है। आवेदन के साथ देना होगा उपयोगिता प्रमाणपत्र

जब संबंधित इमारतों के स्वामी आवेदन करेंगे तो उन्हें उपयोगिता प्रमाणपत्र को लेकर लिखित में बताना होगा। उपयोगिता प्रमाणपत्र में बताना होगा कि संबंधित इमारत का रिहायशी, औद्योगिक, व्यवसायिक या फिर अन्य किस कार्य के लिए उपयोग करना होगा। निगम प्रशासन का कहना है कि समय-समय पर औचक निरीक्षण होगा। जिन इमारतों को वैध घोषित किया जाएगा, उनका उपयोग लिखित में दिए आवेदन के हिसाब से हो रहा है कि नहीं। विपरीत उपयोग मिलने पर कार्रवाई होगी। इन दस्तावेजों की होगी जरूरत

कई दस्तावेजों की जरूरत होगी। इसमें मालिकाना हक से संबंधित दस्तावेज की जरूरत होगी। बिल्डिग प्लान जिसमें वैध व्यवसायिक क्षेत्र, निर्मित क्षेत्रफल, पार्किंग स्पेस आदि की जरूरत होगी। फायर सेफ्टी के दस्तावेज, सेफ्टी प्रमाण-पत्र के अलावा मौजूदा आदि की जरूरत होगी। रेन वाटर हार्वेस्टिग, सोलर वाटर हीटिग सिस्टम आदि दस्तावेज भी साथ लगाने होंगे। इसके अलावा इमारत के दोनों तरफ रहने वाले पड़ोसियों से भी प्रमाण-पत्र लेना होगा। जिससे पड़ोसियों को दिक्कत न हो। शहरी क्षेत्र में पहले 200 सहित कुल 1453 अवैध इमारतें थीं। इनमें रिहायशी, व्यवसायिक व दूसरी सभी श्रेणियों की इमारतें शामिल हैं। सरकार ने कैबिनेट की बैठक में जो फैसला लिया था, इसका लिखित में पत्र आ गया है। इसलिए संबंधित इमारतों के स्वामियों को नोटिस देना शुरू कर दिया है। तीन माह के अंदर ही आवेदन करके इमारतों को वैध कराना होगा। निर्धारित अवधि के बाद नियमों के विपरीत बनीं इमारतों के स्वामियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

आरएस वर्मा, आयुक्त, नगर निगम

इन कालोनियों के लोगों को मिलेगा फायदा

आठ और चार मरला कालोनियां : शिवाजी कालोनी

टीपी स्कीम : झंग कालोनी, जवाहर कालोनी, देव कॉलोनी, संत नगर, गांधी नगर, सुभाष नगर

नगर सुधार मंडल : इंदिरा कालोनी

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