नांदल के सरकारी स्कूल पर ग्रामीणों ने जड़ा ताला

By Edited By: Publish:Tue, 15 Jul 2014 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jul 2014 01:00 AM (IST)
नांदल के सरकारी स्कूल पर ग्रामीणों ने जड़ा ताला

संवाद सहयोगी, लाखनमाजरा : अध्यापकों की कमी को लेकर गांव नांदल के राजकीय उच्च विद्यालय पर सोमवार को ग्रामीणों ने ताला जड़कर विरोध प्रकट किया। छात्राओं ने बताया कि स्कूल में इस समय 11 अध्यापकों के पद खाली हैं जबकि स्कूल में हेडमास्टर सहित तीन अध्यापक हैं। हेडमास्टर सरकारी कायरें के लिए अधिकतर स्कूल से बाहर रहते हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि डेढ साल से स्कूल में अध्यापकों की कमी है। कक्षा छटी से 10वीं तक 150 बच्चे हैं। शिक्षकों की कमी को लेकर बार बार शिकायत पर भी स्कूल में अध्यापक नहीं दिए गए, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। 10वीं कक्षा की छात्राओं ने बताया कि अगले महीने उनकी बोर्ड परीक्षाएं हैं जिससे उनकी पढ़ाई का नुकासान होगा।

पुलिस ने शांत किया मामला : ग्रामीणों ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर हलका विधायक और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा तक शिकायत दे चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी स्कूलों में केवल गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं इसलिए सरकारी स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। मौके पर पहुंची खंड शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीण महिलाओं व छात्राओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन मामला तूल पकड़ता गया। मामले को बिगड़ता देख उन्होंने तुरंत पुलिस को वहां बुला लिया, लेकिन कोई छात्राएं और ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हुए। छात्राओं ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ जोर जबरदस्ती की और स्कूल गेट पर लगा ताला तोड़ दिया, और महिलाओं व छात्राओं के गुस्से को देखते हुए पुलिस वहां से चली गई। इस दौरान ग्रामीणों ने शांति बनाए रखने की बात कही, जिस पर कुछ लोगों ने कहा कि इस पूरे मामले पर राजनीति हो रही है।

बिजली-पानी की समस्या भी है : छात्राओं ने बताया कि स्कूल में न केवल अध्यापक बल्कि बिजली व पानी की कमी भी है। ना पीने को पानी है और ना ही बिजली की कोई व्यवस्था है, जिससे गर्मी में उन्हें पढ़ने में दिक्कत होती है। स्कूल में खेलने के लिए मैदान भी नहीं है। ग्रामीण महिलाओं की खंड शिक्षा अधिकारी से कहासुनी हुई। महिलाओं ने खंड शिक्षा अधिकारी पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि डेढ़ साल से अध्यापक नहीं थे आज ही कहां से आ गए। विरोध कर रही महिलाओं ने बच्चों को घर जाने को कहा तो वह छुट्टी कर घर चले गए। इसकी जानकारी तब मिली जब जिला शिक्षा अधिकारी बलवान सिंह ने सभी स्कूली बच्चों को अंदर बैठाकर ग्रामीणों के साथ मिलजुल कर मामले को सुलझाने की बात कही। ग्रामीणों ने बताया कि सभी बच्चे छुट्टी कर घर चले गए हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा : उप जिला शिक्षा अधिकारी बलवंत सिंह नरवाल व खंड शिक्षा अधिकारी कृष्णा फौगाट ने कहा कि कि इस समय स्कूल में केवल दो ही अध्यापकों की कमी है जिनकी नियुक्ति कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हेडमास्टर की कमी से ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है।

chat bot
आपका साथी