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फरीदाबाद में मतदान से 9 दिन पहले 89 वर्षीय बुजुर्ग ने डाला वोट, लोकतंत्र के यज्ञ में दी पहली आहुति

जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह के अनुसार घर बैठे मतदान के लिए दो दिन निर्धारित किये गये हैं। पहला दिन 16 मई है और फिर 18 मई को वोट डलवाए जाएंगे। इसके लिए पहले जिन बुजुर्गों ने आवेदन किए थे उन्हीं को यह सुविधा प्रदान की गई है। मतदान प्रक्रिया के तहत मतदाता से अलग से मतदान करने वाले कागजात पर हस्ताक्षर भी करवाए गए।

By Susheel Bhatia Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 16 May 2024 01:45 PM (IST)
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फरीदाबाद‌ के सेक्टर-15 में 89 वर्षीय बुजुर्ग ने घर बैठे मतदान किया।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद। चुनाव आयोग के निर्देश पर 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के और दिव्यांग मतदाताओं को घर बैठे मतदान करने की सुविधा शुरू हो गई है। इसके तहत बृहस्पतिवार को जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तैयार की गई टीम मतदाताओं के घर पहुंची और पूरी चुनाव प्रक्रिया अपनाते हुए मतदाताओं से वोट डलवाए।

जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह के अनुसार घर बैठे मतदान के लिए दो दिन निर्धारित किये गये हैं। पहला दिन 16 मई है और फिर 18 मई को वोट डलवाए जाएंगे। इसके लिए पहले जिन बुजुर्गों ने आवेदन किए थे, उन्हीं को यह सुविधा प्रदान की गई है।

इसके तहत बृहस्पतिवार को सबसे पहले निर्वाचन अधिकारी की ओर से नियुक्त वोटिंग टीम पीठासीन अधिकारी बिजेंद्र कुमार के नेतृत्व में सेक्टर-15 पहुंची। यहां 89 वर्ष के बुजुर्ग मतदाता केसी बांगा के निवास पर पूरी तरह से वही प्रक्रिया अपनाई गई जो मतदान केंद्र पर होती है।

निर्वाचन टीम ने मतदाता केसी बांगा की वोटर स्लिप देखी, वोटर लिस्ट में नाम जांचा गया, आधार कार्ड से पहचान की गई और फिर उसी तरह से एक मेज पर तीन तरफ से ढक कर एक स्थान निर्धारित किया गया, जहां मतदाता ने बैलेट पेपर पर अपने पसंद के अनुसार प्रत्याशी के खाने में टिक मार्क किया।

इसके बाद बैलेट पेपर स्वयं ही मतदाता ने बंद किया और उसे लिफाफे में डाल गया, जिसे मतदाता को ही सील करना होता है। मतदाता अगर सील करने में सक्षम नहीं है तो उसके स्वजन इसमें मदद कर सकते हैं। यहां केसी बांगा के पुत्र महेश बांगा ने सील करके लिफाफा निर्वाचन टीम को सौंपा। मतदान प्रक्रिया के तहत मतदाता से अलग से मतदान करने वाले कागजात पर हस्ताक्षर भी करवाए गए।

2019 के लोकसभा चुनाव में भी किया था मतदान

मतदान के बाद बुजुर्ग केसी बांगा ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वो 1957 से लगातार हर चुनाव में वोट डालते आए हैं, 2019 के लोकसभा व उसके बाद विधानसभा चुनाव में भी मतदान किया था। इस बार वो अस्वस्थ हैं और घर से बाहर निकलना नहीं हो रहा है।

ऐसे में मतदान केंद्र तक जाने में वो स्वयं को असमर्थ पा रहे थे। इससे उन्हें लगा कि शायद इस बार लोकतंत्र के महायज्ञ में आहुति नहीं डाल पाएंगे, पर भारतीय चुनाव आयोग ने यह शानदार प्रबंध किया और ऐसे मतदाताओं के लिए व्यवस्था करवा कर उन्हें लोकतंत्र के पर्व में भागीदारी करने का सुअवसर प्रदान किया। केसी बांगा ने कहा कि उन्होंने देश के चहुंमुखी विकास, देश को सुरक्षा के मामले में मजबूत करने के मुद्दे पर वोट डाला।

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