प्रिंसिपल के कहने पर भी अध्‍यापक ने छात्र को नहीं दिया दाखिला, महानिदेशक ने रोक दी एक साल की वेतन वृद्धि

हरियाणा के पानीपत में प्रिंसिपल के कहने पर भी छात्र को दाखिला नहीं दिया। महानिदेशक ने पीजीटी की रोकी एक साल की वेतन वृद्धि। पानीपत जिले के गांव छाजपुर स्थित राजकीय स्कूल का है मामला। ये आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 26 May 2022 02:01 PM (IST) Updated:Thu, 26 May 2022 02:01 PM (IST)
प्रिंसिपल के कहने पर भी अध्‍यापक ने छात्र को नहीं दिया दाखिला, महानिदेशक ने रोक दी एक साल की वेतन वृद्धि
शिक्षा महानिदेशक ने पीजीटी की रोकी एक साल की वेतन वृद्धि।

पानीपत, जागरण संवाददाता। 12वीं कक्षा के छात्र को दाखिला न देने पर महानिदेशक सेकेंडरी शिक्षा, हरियाणा ने राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल छाजपुर में तैनात पीजीटी राजनीति शास्त्र के खिलाफ कार्रवाई की है। महानिदेशक ने चार्जशीट के बाद पीजीटी की एक साल की वेतन वृद्धि तुरंत प्रभाव से रोकने के निर्देश जारी किए हैं। महानिदेशक के ये आदेश अब सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहे हैं।

महानिदेशक सेकेंडरी शिक्षा, हरियाणा के पत्र के मुताबिक पीजीटी राजनीति शास्त्र, राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल छाजपुर (पानीपत) को निदेशालय ने 13 मार्च 2020 के तहत नियम-8 के अंतर्गत चार्जशीट किया था। जिसमें पीजीटी पर छाजपुर निवासी के छात्र सुमित को बार बार प्रार्थना करने व स्कूल प्रशासन के कहने के बावजूद भी 12वीं कक्षा में दाखिला नहीं दिया गया।

बाद में स्कूल मुखिया द्वारा छात्र की परेशानी को देखते हुए उसे दाखिला दिया गया। लेकिन फिर भी पीजीटी ने छात्र की फीस व आवश्यक दस्तावेज लेने से इंकार कर दिया। स्कूल मुखिया की बात भी नहीं मानी। ऐसे में पीजीटी द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया। महानिदेशक ने पीजीटी को निजी तौर पर सुनने और उस द्वारा प्रस्तुत उत्तर का अवलोकन करने उपरांत उनकी एक वार्षिक वेतन वृद्धि को तुरंत प्रभाव से रोकने के निर्देश जारी किए हैं। वहीं डीईओ कार्यालय को भी उक्त कार्रवाई को लेकर पत्र प्रेषित किया गया है।

विभाग दे रहा है दाखिला संख्या बढ़ाने पर जोर

निजी स्कूलों की तर्ज पर राजकीय स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करा स्कूलों को माडल बना सीबीएसई से मान्यता तक दिलाई जा रही है। ताकि स्कूलों में दाखिला संख्या को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सके। इसको लेकर स्कूल शिक्षा निदेशालय की तरफ से सख्त निर्देश भी दिए गए हैं, लेकिन इस बीच कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं तो दाखिला लेने आ रहे विद्यार्थियों को दाखिला नहीं दे रहे। वो भी अपने स्कूल मुखिया के कहने के बावजूद। महानिदेशक का ये कदम दूसरे शिक्षकों के लिए भी किसी सबक से कम नहीं है।

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