दुर्लभ प्रजाति के 63 कछुओं की तस्करी, उप्र से पानीपत लाया था तस्कर

पानीपत में कछुआ तस्कर गिरफ्तार किया गया है। आरेापित उत्तर प्रदेश के बरेली से कछुआ पानीपत में तस्करी के लिए लेकर आया था।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 26 Jun 2019 04:17 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jun 2019 10:11 AM (IST)
दुर्लभ प्रजाति के 63 कछुओं की तस्करी, उप्र से पानीपत लाया था तस्कर
दुर्लभ प्रजाति के 63 कछुओं की तस्करी, उप्र से पानीपत लाया था तस्कर

पानीपत, जेएनएन। लालबत्ती चौक पर मंगलवार शाम पुलिस ने वन्य जलीय जीव के तस्कर को पकड़ा। आरोपित के पास से दुर्लभ प्रजाति के 63 कछुए बरामद हुए। आरोपित ने बताया कि वह इन्हें मॉडल टाउन में एक दुकानदार को देने के लिए आया था। इस पर पुलिस ने दुकानदार को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया।   

पुलिस की सीआइए-2 विंग के एसआइ भीम एएसआइ राजबीर, हवलदार मदन, सिपाही मनदीप और सिपाही नरेश के साथ लालबत्ती चौक के पास गश्त पर थे। तभी मुखबिर ने सूचना दी कि एक तस्कर कछुए बेचने आ रहा है। जब टीम बताई जगह पर पहुंची तो आरोपित बस से उतरकर काले रंग का बैग लेकर खड़ा था। पुलिस ने उसके बैग की जांच की तो इसमें प्लास्टिक की जाली में दुर्लभ प्रजाति के 63 कछुए मिले। पुलिस ने आरोपित उत्तर प्रदेश के बरेली के मकान नंबर 85 कामारती गली बिहारीपुर निवासी विश्वबंधु को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मौके पर ही वन्य प्राणी विभाग निरीक्षक रामपाल को बुलाया। उन्होंने बताया कि विश्वबंधु ने अनुसूची 2 के भाग (2) वन्य प्राणी का अपराध किया है। थाना शहर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 

पहले भी गिरफ्तार हो चुका है विश्वबंधु 
आरोपित विश्वबंधु से बरामद एक कछुए की कीमत 800 से 1000 रुपये है। कछुओं से सेक्सवर्धक और पौरुष क्षमता बढ़ाने के लिए दवाएं बनाई जाती हैं। आरोपित विश्वबंधु ने पुलिस को बताया कि उसका बरेली में फिश एक्वेरियम है। मछलियों के साथ-साथ वह कछुओं की सप्लाई भी करता है। बरेली पुलिस ने उसे पहले भी कछुओं के साथ गिरफ्तार किया था। तब उस पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया था। 

हो सकती है सात साल की सजा 
वन्य प्राणी निरीक्षक रामपाल ने बताया कि कछुओं को बेचने के दोषी को सात साल की सजा और 25 हजार रुपये जा जुर्माना हो सकता है। शहर में फिश एक्वेरियम की जांच की जाएगी कि कहीं वहां कछुए तो नहीं रखे जा रहे हैं।

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