जीएसटी फर्जीवाड़े में दिल्ली में दबिश, जुटाए सुबूत

दोनों आरोपितों से अहम डॉक्यूमेंट बरामद किए हैं। दो दिन का रिमांड पूरा होने के बाद पुलिस उन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश करेगी। पुलिस की सख्ती से इन फर्मों के साथ जुड़े फर्म मालिकों की भी चिता बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Jun 2019 10:40 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2019 06:41 AM (IST)
जीएसटी फर्जीवाड़े में दिल्ली में दबिश, जुटाए सुबूत
जीएसटी फर्जीवाड़े में दिल्ली में दबिश, जुटाए सुबूत

जागरण संवाददाता, पानीपत : थाना चांदनी बाग पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर लिए डॉक्यूमेंट पर फर्जी फर्म रजिस्टर्ड कराने के मामले में दो आरोपितों को साथ लेकर दिल्ली में दबिश दी। दोनों आरोपितों से अहम डॉक्यूमेंट बरामद किए हैं। दो दिन का रिमांड पूरा होने के बाद पुलिस उन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश करेगी। पुलिस की सख्ती से इन फर्मों के साथ जुड़े फर्म मालिकों की भी चिता बढ़ गई है।

थाना चांदनी बाग पुलिस ने गौरव उर्फ सोनू बंसल निवासी उत्तम विहार दिल्ली और सुरेंद्र निवासी चुलकाना को साथ लेकर सोमवार को दिल्ली में कई जगह दबिश दी। दोनों से कई अन्य फर्मों के बारे में जानकारी जुटाई गई। विदित हो कि पुलिस ने गौरव उर्फ सोनू बंसल निवासी उत्तम विहार दिल्ली, सुरेंद्र निवासी चुलकाना पानीपत और केशवपुराण दिल्ली के योगेश शर्मा को 15 जू्न को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपित गौरव उर्फ सोनू बंसल और सुरेंद्र को दो दिन के रिमांड पर लिया था, जबकि तीसरे आरोपित योगेश शर्मा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। आरोपितों ने मुख्य आरोपित दिल्ली के बख्तावरपुर निवासी जीनेंद्र के साथ मिलकर जीएसटी में फर्जीवाड़े की नीयत से ही बिहौली गांव के पते पर गणेश ट्रेडिग के नाम से फर्म बना कर जीएसटी में रजिस्टर्ड कराया। आरोपितों ने दो और फर्म इसी तरह रजिस्टर्ड कराने की बात कबूली थी।

ईटीओ की जांच में मामला आया था सामने

थाना चांदनी बाग पुलिस ने सेल टैक्स के ईटीओ की 20 फरवरी 2019 को मिली शिकायत पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। ईटीओ ने कहा था कि योगेश शर्मा ने समालखा के बिहौली गांव में गणेश ट्रेडिग कंपनी के नाम से जीएसटी में रजिस्टर्ड कराई थी। जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट का क्लेम आने पर फर्म की जांच की तो सेल अमाउंट और इनपुट टैक्स क्रेडिट में काफी अंतर मिला। उक्त लोगों ने बिल के आधार पर सामान भेजे बिना ही रेवेन्यू दिखा दिया। इसकी गहराई से जांच की तो इस नाम की कोई फर्म बिहौली गांव में नहीं मिली। योगेश शर्मा नाम का कोई भी व्यक्ति गांव में नहीं मिला। योगेश शर्मा ने डॉक्यूमेंट में केशवपुरम दिल्ली का भी पता दिखाया था। स्थानीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से जीएसटी बिल में दर्शाए बैंक खाता की डिटेल निकलवाई तो योगेश शर्मा के नाम का शपथ पत्र मिला। योगेश शर्मा ने बताया कि उसने कभी जीएसटी नंबर नहीं लिया था। उसके दोस्त जीनेंद्र सिसोदिया ने उसके डॉक्यूमेंट, पैन कोर्ड, आधार कार्ड और पासबुक लोन दिलाने के नाम पर लिए थे। उसको नौ सितंबर 2018 को दो लाख का चेक दिया था। पुलिस ने इसमें नौ मार्च 2019 को धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

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