बढ़ रहा डेंगू का डंक, देसी नुस्‍खों से भी मिल सकती है राहत

कई जिलों में संदिग्ध डेंगू के मामले आ रहे हैं। सबसे ज्‍यादा खराब हालत कैथल जिले के है। गांव चंदाना और सौथा के बाद अब मानस गांव में भी संदिग्‍ध बुखार ने लोगों को चपेट में ले लिया है।

By Ravi DhawanEdited By: Publish:Tue, 09 Oct 2018 06:04 PM (IST) Updated:Tue, 09 Oct 2018 06:55 PM (IST)
बढ़ रहा डेंगू का डंक, देसी नुस्‍खों से भी मिल सकती है राहत
बढ़ रहा डेंगू का डंक, देसी नुस्‍खों से भी मिल सकती है राहत

जागरण न्यूज नेटवर्क, पानीपत : मौसम के बदलते ही बीमारियों ने भी दस्तक दे दी है। कई जिलों में संदिग्ध डेंगू का बुखार बढऩे के मामले सामने आ रहे हैं। सबसे ज्‍यादा खराब हालत कैथल जिले के हैं। गांव चंदाना और सौथा के बाद अब मानस गांव में भी संदिग्‍ध बुखार ने लोगों को चपेट में ले लिया है। वहीं विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि डेंगू के अभी तक मात्र चार केस ही सामने आए हैं। उधर, ग्रामीण कह रहे हैं कि गांव में अब तक 15 मरीज चपेट में आ चुके हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी की संख्या में इजाफा हुआ है। कुरुक्षेत्र के एलएनजेपी अस्पताल की ओपीडी खचाखच मरीजों से भरी हैं। बीते सोमवार को 100 बेड के अस्पताल में 320 मरीजों को दाखिल कर लिया गया। एक बेड पर तीनतीन मरीजों का इलाज हो रहा है। बुखार और सांस के ज्यादातर मरीजों को दूसरे वार्डों में भी शिफ्ट करना पड़ रहा है।

महिला वार्ड की हालात खराब

वहीं, महिला वार्ड में भी यही स्थिति है। दोदो स्टाफ नर्स 100100 मरीजों को संभाल रही हैं। स्टाफ का कहना है कि मरीजों का उपचार करने में वे पीछे नहीं हैं, लेकिन सीबीसी मशीन खराब होने से परेशानी बढ़ चुकी है।

अतिरिक्त व्यवस्था की गई 

एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनजीत ने कहा कि इन दिनों वायरल संक्रमण फैला हुआ है, जिसकी वजह से मरीजों की संख्या आइपीडी में ज्यादा है। मरीजों के उपचार के लिए जो भी व्यवस्था की जा सकती थी वह भी की गई है।

जानें कैसे और कब होता है डेंगू

डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है।

इस तरह फैलता है

डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उसका खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।

कब दिखती है बीमारी

मच्‍छर के काटे जाने के करीब 35 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है। 

क्याक्या हैं लक्षण

साधारण डेंगू बुखार

1. ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार होता है
2. सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है
3. आंखों के पिछले हिस्से में दर्द शुरू होता है
4. बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना
5. गले में हल्कासा दर्द होना
6. शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लालगुलाबी रंग के रैशेज होना

ये कराएं टेस्ट

अगर तेज बुखार हो, जोड़ों में तेज दर्द हो या शरीर पर रैशेज हों तो पहले दिन ही डेंगू का टेस्ट करा लेना चाहिए। अगर लक्षण नहीं हैं, पर तेज बुखार बना रहता है तो भी एकदो दिन के इंतजार के बाद फिजिशियन के पास जरूर जाएं। डेंगू की जांच के लिए शुरुआत में एंटीजन ब्लड टेस्ट (एनएस 1) किया जाता है। इस टेस्ट में डेंगू शुरू में ज्यादा पॉजिटिव आता है, जबकि बाद में धीरेधीरे पॉजिविटी कम होने लगती है। यह टेस्ट करीब 1000 से 1500 रुपये में होता है। टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाती है।

प्लेटलेट्स हो जाती हैं कम

तंदुरुस्त व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं। जरूरी नहीं है कि जिसे डेंगू हो, उसकी प्लेटलेट्स नीचे ही आएं। प्लेटलेट्स अगर एक लाख से कम हैं तो मरीज को फौरन अस्पताल जाना चाहिए। अगर प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार तक या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। 4050 हजार प्लेटलेट्स तक ब्लीडिंग नहीं होती। अगर प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे हैं, मसलन सुबह एक लाख थे और दोपहर तक 5060 हजार हो गए तो शाम तक गिरकर 20 हजार पर पहुंचे हो तो यह खतरनाक है। 

इलाज अगर मरीज को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका इलाज व देखभाल घर पर की जा सकती है। डॉक्टर की सलाह लेकर पैरासिटामोल (क्रोसिन आदि) ले सकते हैं। एस्प्रिन (डिस्प्रिन आदि) बिल्कुल न लें। इनसे प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो शरीर पर पानी की पट्टियां रखें।

बरतें एहतियात ठंडा पानी न पीएं, मैदा और बासी खाना न खाएं। खाने में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का ज्यादासेज्यादा इस्तेमाल करें। पत्ते वाली सब्जियां, अरबी, फूलगोभी न खाएं। हल्का खाना खाएं। पूरी नींद लें, पानी को उबालकर पीएं। मिर्च मसाले और तला हुआ खाना न खाएं, भूख से कम खाएं, पेट भर न खाएं। खूब पानी पीएं। छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी आदि खूब पिएं।

देसी नुस्खे भी अपनाएं आठदस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें या तुलसी के 10 पत्तों को पौने गिलास पानी में उबालें, जब वह आधा रह जाए तब उस पानी को पीएं। विटामिनसी से भरपूर चीजों का ज्यादा सेवन करें जैसे: एक दिन में दो आंवले, संतरे या मौसमी ले सकते हैं। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सही रखता है।

ऐसे बचें डेंगू से घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें। जमा पानी पर पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें। रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार बदलें। घर में टूटेफूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें। डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। खिड़कियों और दरवाजों पर महीन जाली लगवाएं। रात को सोते समय मच्छरदानी लगाएं।

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