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शहर से गांव तक मौत बांट रहा बुखार, इस मौसम में रहिये सावधान

कैथल में तीन बच्चों सहित आठ की जिंदगी लील गया बुखार। 2017 में भी गांव में हुई थी 23 से ज्यादा मौतें। पानीपत से लेकर यमुनानगर तक हालात बिगड़ रहे हैं। सतर्क रहने की जरूरत।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 02:12 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 03:11 PM (IST)
शहर से गांव तक मौत बांट रहा बुखार, इस मौसम में रहिये सावधान
शहर से गांव तक मौत बांट रहा बुखार, इस मौसम में रहिये सावधान

जेएनएन, पानीपत : मौसम खतरनाक होता जा रहा है। कभी सर्दी शुरू हो जाती है तो कभी गर्मी। इस मौसम में बुखार तुरंत अपनी जकडऩ में ले लेता है। पानीपत से लेकर यमुनानगर तक यही हालात हैं। कैथल में सितंबर माह में तीन बच्चों सहित आठ लोगों की मौत बुखार व संदिग्ध डेंगू बीमारी के कारण हो चुकी है। मरने वाले तीनों बच्चों की उम्र पांच से दस साल के बीच है। गांव में एक चिता की आग ठंडी भी नहीं होती है कि दूसरी चिता जल उठती है।

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दस दिन में तीन की जान गई

एक परिवार में तो बुखार ने ऐसा कहर ढाया कि 10 दिन के भीतर परिवार के तीन सदस्यों को मौत की नींद सुला दिया। इस समय भी गांव के 15 से 20 मरीज जिला और जिला के बाहर सरकारी व निजी अस्पतालों में दाखिल होकर अपना इलाज करवा रहे हैं। इनमें से भी कुछ मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। बता दें कि यह वही गांव है जहां 2017 में सितंबर और अक्टूबर माह में ही अज्ञात बीमारी के कारण 23 से ज्यादा मौतें हुई थी। ग्रामीण सहमे हैं और बता रहे हैं कि इस बार हालात पिछले वर्ष से भी बदतर हैं।

ये बने अकाल मौत का शिकार

गांव सौथा में सितंबर माह में मरने वालों में 35 वर्षीय बिट्टू, 10 वर्षीय शुभम, पांच वर्षीय रहमत, मोमन राम, 78 वर्षीय सुरजू, 62 वर्षीय महिला लाडो, 35 वर्षीय महिला गुड्डी, 10 वर्षीय मनप्रीत शामिल हैं। मरने वालों में बिट्टू व शुभम पिता व पुत्र हैं। वहीं सुरजू, लाडो व गुड्डी एक ही परिवार से हैं।

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गांव की कहानी, चौकीदार ओमप्रकाश की जुबानी

गांव सौथा में पंचायत चौकीदार ओमप्रकाश ने बताया कि गांव में गरीब परिवारों में ऐसा कोई घर नहीं हैं, जहां परिवार का कोई न कोई सदस्य बिस्तर पर न हो। कईं घरों में तो यह संख्या बहुत ज्यादा है। सभी बाहर प्राइवेट व स्थानीय डॉक्टरों से दवाई ले रहे हैं। गरीबी के कारण कर्ज लेकर लोग अपना इलाज करवा रहे हैं।

हर घर में मरीज

मृतक मोमन के बेट दर्शन लाल ने बताया कि वह खुद एक महीने से बीमार है। मां प्यारी देवी, पत्नी सुनीता, भाई की पत्नी गीता भी बीमार हैं। बेटे और पोते की मौत का गम झेल चुके नन्हा राम ने बताया कि पोती भी बीमार है और उसका इलाज चल रहा है। मांगे राम की पुत्री रेनू व पुत्र दीपू बीमार हैं दोनों का अन्य जिले में इलाज चल रहा है। पांच वर्षीय मृतक रहमत की माता रानी भी बीमार है। सवित्रा के ससुर रामा बीमार हैं जो करनाल में कल्पना मेडिकल कॉलेज में दाखिल हैं। 60 वर्षीय धन्नो पिछले 15 दिनों से बीमार हैं। एक ही परिवार में 40 वर्षीय रामस्वरूप व मुकेश कुमार बीमार हैं।

टीम भेज रहे हैं

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. नीरज मंगला ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से डेंगू के कारण एक भी मौत नहीं हुई है। गांव सौथा में जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जा चुकी है। सोमवार को दोबारा टीम भेजकर सभी मरीजों की जांच करवा ली जाएगी और बीमारियों का कारण भी पता कर लिया जाएगा।

करवा चुके हैं फॉगिंग

सरपंच सतीश का कहना है कि कुछ मौतों की उनको जानकारी है, जिनकी मौत प्लेटलेट््स कम होने के कारण हुई है। कुछ मौतों का कारण उनको नहीं पता है। वह तीन से चार बार गांव में फोङ्क्षगग करा चुके हैं। गांव में सीवरेज लाइन का काम चल रहा है इस वजह से दूषित पानी जरूर लोगों को मिल रहा है जिसका समाधान में होने में अभी कुछ दिन और लगेंगे।


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