18 साल से अधिक उम्र वालों को लगेगा को-वैक्सीन, बढ़ाएगी इम्यूनिटी पावर

पीपीपी मोड पर भारत बायोटेक और आईसीएमआर बना रही को-वैक्सीन। रोहतक के पीजीआइ में डिपार्टमेंट ऑफ फार्मोलरी केयर एंड क्रिटिकल डिपार्टमेंट में विभागाध्यक्ष प्रो. धुव ने कहा कि बीपी शुगर किडनी और हार्ट बीमारी नार्मल होने पर लगेगी वैक्सीन।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 21 Nov 2020 04:06 PM (IST) Updated:Sat, 21 Nov 2020 04:06 PM (IST)
18 साल से अधिक उम्र वालों को लगेगा को-वैक्सीन, बढ़ाएगी इम्यूनिटी पावर
रोहतक के पीजीआइ में डिपार्टमेंट ऑफ फार्मोलरी केयर एंड क्रिटिकल डिपार्टमेंट में विभागाध्यक्ष प्रो. धुव।

पानीपत/अंबाला, [मनीष श्रीवास्तव]। को-वैक्सीन ट्रायल का तीसरा चरण हरियाणा में भारत बायोटेक और आइसीएमआर ने शुरू किया। पीपीपी मोड पर तैयार होने वाले को-वैक्सीन को 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों पर इस्तेमाल किया जाएगा। इस बात का भी विशेष ध्यान दिया जाएगा कि व्यक्ति बीपी, शुगर, किडनी व हार्ट सहित अन्य बीमारियों से ग्रस्त न हो। को-वैक्सीन शरीर के भीतर पहुंचते ही इम्युनिटी पावर बढ़ाने में कारगर साबित होगा। कोरोना वायरस के संक्रमण को शत-प्रतिशत काबू करने में सक्षम होगा। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में शुक्रवार को ये बातें डा. ध्रुव ने कही। डा. ध्रुव रोहतक पीजीआइ में डिपार्टमेंट ऑफ फार्मोलरी केयर एंड क्रिटिकल डिपार्टमेंट में विभागाध्यक्ष हैं। को-वैक्सीन ट्रायल का नेतृत्व कर रहें हैं।

प्रो. ध्रुव ने बताया कि दो चारण के सफल ट्रायल के बाद तीसरे फेज का शोध काफी महत्वपूर्ण है। भारत बायोटेक और आइसीएमआर की संयुक्त ट्रायल का कार्य पीपीपी मोड पर चल रहा है। शोध और परीक्षण सफल होने के बाद जिसे भी यह वैक्सीन लगाई जाएगी उसका लगातार छह महीने तक समय समय पर नियमित रूप से स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं कि यह वैक्सीन केवल बीमार लोगों को ही लगाया जाएगा। स्वस्थ लोगों को भी यह डोज दी जा सके शोध और ट्रायल में इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। पीपीपी मोड पर बन कर तैयार होने वाली यह वैक्सीन देश की 90 फीसद आबादी पर इस्तेमाल करने के लक्ष्य को देखते हुए तैयार किया जा रहा है।

बच्चों को नहीं लगेगी यह वैक्सीन

भारत बायोटेक और आइसीएमआर की तरफ से चल रहे को-वैक्सीन के ट्रायल सफल होने के बाद जो दवा बाजार में आएगी उसे 18 साल से कम उम्र वाले बच्चों और किशोर वर्ग पर नहीं लगाया जा सकेगा।

पहले हेल्थ वर्करों को लगेगा टीका

को-वैक्सीन का इस्तेमाल देश में सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर्स को लगाया जाएगा। कोरोना योद्धा के रूप में अहम रोल स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर से लेकर अन्य स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके साथ देश की सेवा करने वाले सैनिकों पर होगा।

42 दिन बाद दोबारा होगा सैंपल

कोरोना के ट्रायल में शामिल होने वालों का 42 दिनों बाद सैंपल लेकर शोधकर्ता यह देखेंगे कि उसका स्वास्थ्य अब कैसा है। अगर कोई दुष्प्रभाव रहता है तो अलग से शोध शुरू होगा। इसके लिए डा. सविता वर्मा, डा. पवन व डा. रमेश सहित अन्य प्रोफेसर और डाक्टरों को पैनल में शामिल किया गया है।

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