पीएम की घोषणा से शहर के उद्यमियों को बड़ी उम्मीद, जानिए किस तरह से मिल सकती है राहत

पीएम की घोषणा के बाद से पानीपत के उद्यमियों को राहत की उम्‍मीद है। उद्यमियों ने कहा- छह महीने तक मिले किस्त से छूट कम ब्याज पर लोन भी मिले।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 13 May 2020 12:46 PM (IST) Updated:Wed, 13 May 2020 12:46 PM (IST)
पीएम की घोषणा से शहर के उद्यमियों को बड़ी उम्मीद, जानिए किस तरह से मिल सकती है राहत
पीएम की घोषणा से शहर के उद्यमियों को बड़ी उम्मीद, जानिए किस तरह से मिल सकती है राहत

पानीपत, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित लोगों एवं उद्योगों के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। लॉकडाउन संकट के बीच पानीपत के कारोबारी इस घोषणा में खुद के लिए बड़ी राहत देख रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि पानीपत की छोटी-छोटी फैक्ट्रियों के लिए मदद एक तरह से संजीवनी होगी। दरअसल, प्रधानमंत्री ने अपनी घोषणा में श्रमिक वर्ग का जिक्र किया, जो इस समय बड़ी तादाद में अपने घर लौट रहे हैं। मध्यम वर्ग की बात की बात करते हुए कहा कि ये ईमानदारी से अपना टैक्स देते हैं। देश के विकास में योगदान देते हैं। इसके सीधे मायने यही निकाले जा रहे हैं कि पानीपत जैसे औद्योगिक शहरों को दोबारा से खड़ा करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। 

नकदी चाहिए, कम ब्याज पर मिले सुविधा 

रोटर स्पिनर्स एसोसिएशन के प्रधान प्रीतम सिंह सचदेवा का कहना है कि इस समय इंडस्ट्री के पास नकदी का संकट है। कारोबार ठप होने से पैसा खत्म है, फंस भी गया है। पानीपत में ज्यादातर लघु उद्योग हैं। 80 फीसद एक्सपोर्ट हाउस में लघु उद्योग में ही आते हैं। पहले तीन महीने तक किस्त में छूट दी गई थी, जिसे छह महीने तक बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही, ब्याज की भी छूट मिलनी चाहिए। पिछली बार के पैकेज में लिमिट राशि पर दस फीसद तक नकदी देने की घोषणा की थी। इस राशि को बीस फीसद तक बढ़ाया जाना चाहिए। जैसे किसी उद्यमी की ऋण लेने की लिमिट पचास लाख है तो उसे दस लाख रुपये तक और लोन मिलने की सुविधा मिले। इस पर ब्याज अभी सालाना साढ़े सात फीसद है। 

फिक्स चार्ज हटाए जाने चाहिए 

ओल्ड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के निवर्तमान प्रधान विनोद ग्रोवर का कहना है कि छह महीने का ब्याज माफ होना चाहिए। कामगारों को वेतन भी सरकार की ओर से दिया जाना चाहिए। जितने भी फिक्स चार्ज लगे हुए हैं, लॉकडाउन के दौरान इनमें छूट देनी चाहिए। इसी एसोसिएशन के राजीव अग्रवाल का कहना है कि इस समय इंडस्ट्री का पहिया चलना जरूरी है। नकदी का संकट है। कम ब्याज पर ऋण की सुविधा अगर सरकार देती है तो बड़ी राहत होगी। 

पांच फीसद ब्याज में छूट की उम्मीद 

एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान ललित गोयल का कहना है कि पांच फीसद ब्याज में छूट की उम्मीद है। विदेश में जो माल जाता है, उस पर साढ़े सात फीसद ब्याज लगता है। अगर छूट मिलती है तो बड़ी राहत होगी। इस समय एक्सपोर्ट यूनिट को बढ़ावा देने की जरूरत है। दरअसल, एक्सपोर्ट हाउस से सभी छोटी-छोटी फैक्ट्रियां जुड़ी होती हैं। इन सभी को छूट मिल जाएगी एक तरह से। टेक्नीकल अपग्रेडेशन योजना का दायरा बढ़ सकता है। मशीनरी लगाने के लिए सरकार सब्सिडी दे सकती है। 

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