जीवन में संयम सेवा का रास्ता अपनाना चाहिए

शुरुआत में कठिनाइयां आती है परंतु गुरुदेव रास्ता बना ही देते हैं। जिससे इह लोक व परलोक दोनों आसान हो जाते हैं। वह श्री प्रेम मंदिर के 101वें वार्षिक उत्सव पर बोल रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 11:14 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 11:14 PM (IST)
जीवन में संयम सेवा का रास्ता अपनाना चाहिए
जीवन में संयम सेवा का रास्ता अपनाना चाहिए

जागरण संवाददाता, पानीपत : कांता महाराज ने कहा कि शिष्य को सत्संग, संयम, सेवा के पथ पर चलना चाहिए। गुरु द्वारा निर्देशित मार्ग पर चलने जिज्ञासु आसानी से भक्ति मार्ग अपना सकता है। शुरुआत में कठिनाइयां आती है, परंतु गुरुदेव रास्ता बना ही देते हैं। जिससे इह लोक व परलोक दोनों आसान हो जाते हैं। वह श्री प्रेम मंदिर के 101वें वार्षिक उत्सव पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि भगवान तो सृष्टि के कण-कण में विराजमान हैं। उसको पाने के लिए नाम जप तो साधक को करना ही पड़ता है। जैसे भूख लगने पर भोजन स्वयं ही खाने से तृप्ति मिलती है, वैसे ही नाम जपने से आत्म शांति प्राप्त होती है। हर समय नाम जप से सभी आधि-व्याधियों से छुटकारा मिलता है।

श्री प्रेम मंदिर का 101वां वार्षिकोत्सव प्रेम सम्मेलन बुधवार को श्रद्धा के साथ प्रारंभ हुआ। कांता देवी महाराज ने गणेश वंदना एवं जोत प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

प्रेम मंदिर लैय्या समिति व प्रेम मंदिर सेवक सभा द्वारा जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सहयोग से डा. पूजा शिगला के नेतृत्व में रक्तदान शिविर लगाया गया। शिविर में 51 युवाओं ने रक्तदान किया। कांता महाराज ने रक्तदाताओं को बैज लगाकर सम्मानित किया।

राधा अष्टमी उत्सव समिति के सदस्यों ने प्रभु भक्ति के भजन गाकर वातावरण को भक्तिमय कर दिया। कार्यक्रम में अशोक हरमिलापी, परमवीर ढींगड़ा, हरीश बजाज, जगदीश ढींगड़ा, सुनील मिगलानी, चंद्रभान वर्मा, रमेश असीजा, विवेक कत्याल, नरेश ग्रोवर, गौतम खेड़ा, अनिल अरोड़ा, मदन लाल गक्खड़, अर्जुन लाल आहुजा, सुरेश रेवड़ी सहित काफी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे।

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