पानीपत में मुंबइया बारिश, गाड़ियां तैरीं, जिदगी कैद

शहर में डेढ़ घंटे में 62 एमएम बारिश प्रशासन के सब दावों को बहा अपने साथ बहा ले गई। ड्रेन नंबर वन से लेकर सीवर और नाले सब जाम होने से पूरा शहर डूब गया। जीटी रोड पर चार फीट तक पानी होने से नांगल खेड़ी से लेकर टोल प्लाजा तक जाम लग गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 03 Aug 2019 08:16 AM (IST) Updated:Sat, 03 Aug 2019 08:16 AM (IST)
पानीपत में मुंबइया बारिश, गाड़ियां तैरीं, जिदगी कैद
पानीपत में मुंबइया बारिश, गाड़ियां तैरीं, जिदगी कैद

जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर में डेढ़ घंटे में 62 एमएम बारिश प्रशासन के सब दावों को बहा अपने साथ बहा ले गई। ड्रेन नंबर वन से लेकर सीवर और नाले सब जाम होने से पूरा शहर डूब गया। जीटी रोड पर चार फीट तक पानी होने से नांगल खेड़ी से लेकर टोल प्लाजा तक जाम लग गया। बारिश के दौरान गाड़ियां पानी में तैरती नजर आई और जिदंगी कैद होकर रह गई। प्रशासनिक अधिकारी बारिश के दौरान बाहर निकलने की बजाय खिड़कियों से नजारा देखते रहे। जब तक अधिकारी हरकत में आए तब तक शहर की स्थिति बिगड़ चुकी थी। सात घंटे बाद देर रात नौ बजे ड्रेन का पानी कम होने पर शहर का पानी उतरना शुरू हुआ। बारिश के साथ ही शहर की बिजली आपूर्ति ठप पड़ गई। 11 केवी की ज्यादातर लाइनें बाधित रही। 33 केवी सेक्टर 29 पार्ट एक व 33 केवी कुटानी रोड देर शाम तक भी चालू नहीं हो पाई। सात घंटे के कट शहर के ज्यादातर हिस्से में लगे। बिजली पावर हाउसों में पानी घुस गया।

शुक्रवार को दोपहर बाद 12:30 तेज बारिश शुरू हुई। एकाएक तेज बारिश शुरू होने पर हर कोई अपने सुरक्षित स्थानों की तरफ जाने लगा। बारिश लगातार दो बजे तक चली। बारिश में स्कूली बच्चे फंस गए। अभिभावक गाड़ियों में अपने बच्चों को लेने आए तो स्कूलों के आसपास भी जाम लग गया। सभी स्कूलों की बड़ी कक्षाओं के बच्चे अपने घर तक नहीं पहुंच पाए थे। इसी वक्त दो बजे छोटी कक्षाओं की छुट्टी हो गई। सड़कों पर एक साथ वाहनों का दबाव बढ़ गया। जिससे जाम की स्थिति पैदा हो गई। कहां कितनी बारिश हुई

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पानीपत में सबसे ज्यादा 62 एमएम बारिश हुई। यह इस सीजन की सबसे अधिक बारिश रही। बापौली में 15, मतलौडा में 11 और इसराना में चार एमएम बारिश हुई। समालखा की तरफ सिवाह से आगे पूरी तरह से सूखा रहा। जीटी रोड पर पानी में फंसी जिदगी

बारिश आते ही सबसे पहले जीटी रोड पर पानी जमा होना शुरू हो गया। खादी आश्रम के सामने जीटी रोड पर चार फीट तक पानी जमा हो गया। गाड़ियां एक कदम भी आगे नहीं चल सकी। इससे जीटी रोड पर नांगल खेड़ी तक जाम लग गया। शहर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सामने दो फीट और संजय चौक पर ढाई फीट तक पानी जमा हो गया। एसडी कॉलेज रोड, कंबल बाजार और इंसार बाजार में दो से तीन फीट तक पानी रहा। रेलवे के तीनों अंडरपास में पानी भर गया। बस स्टैंड में दर्जनों बसों से डूब गई। यात्री मुश्किल से बाहर निकले। सनौली रोड पर बह गए दुपहिया

जीटी रोड का पानी संजय चौक सनौली रोड की तरफ चला गया। जिससे सनौली रोड पर बाढ़ जैसे हालात हो गए। देवपुरी रोड के पास दो मोटरसाइकिल बह गई। इससे दस कदम आगे चार मोटरसाइकिल ओर पानी में बह गई। तीन दर्जन कॉलोनी डूबी, दो दुकानें और एक मकान गिरा-फोटो-18

तेज बारिश में बाहरी कॉलोनियों में पानी निकासी ठप रही। करीब तीन दर्जन कॉलोनी पूरी तरह से डूब गई। सबसे खराब हालात नूरवाला क्षेत्र के रहे। हरिसिंह कॉलोनी में दो दर्जन मकानों में पानी घुसने से दरार आ गई हैं। खजूर नगर में भोला चौक स्थित दो दुकानें नाले में गिर गई। इससे टूट गया। कई कॉलोनियों में पानी भर गया। आजाद नगर में राजेश के मकान की एक दीवार गिर गई। इसके साथ दो मकानों में दरार आ गई। राजेश ने बताया कि रेलवे लाइन के साथ नाला बनाने के लिए खुदाई की गई थी। इन विभागों के चलते डूबा शहर, जिम्मेदारों का यह है कहना

ड्रेन नंबर-वन की ठीक से नहीं की गई सफाई

शहर की लाइफ लाइन ड्रेन नंबर वन है। सिचाई विभाग ने बारिश से पहले ड्रेन को साफ करने का दावा किया था। अधिकारियों ने पुल के नीचे कूड़ा इसी तरह से छोड़ दिया। तेज बारिश में ड्रेन नंबर वन आठ जगह ओवरफ्लो हो गई। इनके चलते नाले जाम हो गए। सिचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी ने बताया कि ड्रेन की सफाई करा दी थी। अब भी पानी सामान्य चल रहा है। एसडीओ राजेश और जेई हरीश लगातार गश्त कर रहे हैं। एलएंडटी की ड्रेन शहर के लिए बड़ा सवाल

एलएंडटी की जीटी रोड के दोनों तरफ ड्रेन हैं। ड्रेन का पानी सिविल अस्पताल के साथ ड्रेन नंबर वन में गिरता है और संजय चौक के पास जन स्वास्थ्य विभाग के सीवर में मिलता है। ड्रेन नंबर-वन के ओवरफ्लो होते ही जीटी रोड के दोनों तरफ पानी भर गया। सैकड़ों वाहन और स्कूल बसें जाम में फंस गई। लोगों को दोपहिया वाहन धक्का देकर ले जाने पड़े। करीब 50 गाड़ियां जीटी रोड पर पानी में ही रुक गई। नाला गैंग पर हर महीने 15 लाख देने के बाद भरा कूड़ा

नगर निगम ने शहर के नालों की सफाई के लिए नाला गैंग बनाया है। इसका ठेका राजकुमार हुड्डा को दिया है। इसका 15 लाख रुपये महीने का ठेका है। राजकुमार हुड्डा ने 100 लोगों को सफाई के लिए लगाने का दावा किया है, लेकिन तेज बारिश में नालों ओवरफ्लो हो गए और सड़कों और गलियों से पानी चलने लगा। नगर निगम कमिश्नर ओमप्रकाश, एसई रमेश कुमार और एक्सईएन राहुल पुनिया ने 200 कर्मचारियों को साथ लेकर शहर का दौरा किया। देर रात करीब नौ बजे शहर का पानी नालों से उतरना शुरू हुआ। बड़ी कमी रही कि करोड़ों की लागत से बनाए नालों का लेवल सही नहीं मिला। इनको ऊपर से ढकने से नालों की सफाई नहीं हो सकी। जन स्वास्थ्य विभाग भी दावों पर सिमटा

शहर को डुबो देने वाला चौथा विभाग जन स्वास्थ्य और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण है। दोनों में से किसी के भी सीवर पूरी तरह से साफ नहीं थे। मॉडल टाउन में शिवाजी स्टेडियम के आसपास दो से तीन फुट तक पानी जमा रहा। सेक्टर-11-12, 13-17 और 18 में सड़कों पर निकलने तक का रास्ता नहीं था। जन स्वास्थ्य विभाग के जेई भूपेंद्र सिंह ने बताया कि शहर के बड़े सीवरों की पहले ही सफाई कर दी गई थी। बारिश के दौरान भी सफाई का काम किया गया।

वर्जन : फोटो-17-ए

तेज बारिश के चलते पानी उतरने में कुछ समय लगा है। मैं निगम की तकनीकी टीम और सफाईकर्मियों को साथ लेकर तुरंत शहर में निकल गया था। मैंने दो ऑटो पर फ्लड लाइट लगाकर रात को नालों और सीवर की सफाई की व्यवस्था की है। निगम के छह पंप शहर में पानी निकालने के लिए लगाए गए हैं। रेलवे अंडरपास के नीचे मशीन लगाकर पानी निकाला गया है।

ओमप्रकाश, कमिश्नर, नगर निगम।

वर्जन :फोटो-17-बी

शहर में नालों और सीवर की हालात खराब है। मैंने पिछले महीने भी निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर सफाई की बात रखी थी। मेरे बार-बार पत्र भेजने के बाद भी कमिश्नर ने इस दिशा में काम नहीं किया। अधिकारियों की अनदेखी के चलते शहर डूबा है। निगम के हाउस में शहर के सीवर और नाले पर खुलकर चर्चा की जाएगी।

अवनीत कौर, मेयर।

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