देश का सबसे बड़ा शहीद स्‍मारक बन रहा हरियाणा में, आजादी की पहली लड़ाई जुड़ी हर यादें होंगी यहां

हरियाणा में अंबाला में आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक जल्द बनकर होगा तैयार। अंबाला कैंट में 22 एकड़ भूमि में बन रहा शहीद स्मारक। हरियाणा के गृहमंत्री विज बोले- संभवत अपनी तरह का पहला स्मारक होगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 29 Jan 2022 10:15 AM (IST) Updated:Sat, 29 Jan 2022 10:15 AM (IST)
देश का सबसे बड़ा शहीद स्‍मारक बन रहा हरियाणा में, आजादी की पहली लड़ाई जुड़ी हर यादें होंगी यहां
अंबाला में शहीद स्‍मारक बनाया जा रहा है।

अंबाला, जागरण संवाददाता। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति के असंख्य योद्धाओं व सेनानियों की याद में अंबाला कैंट में शहीद स्मारक बनाया जा रहा है। आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक का निर्माण कार्य लगभग 80 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है, जो जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। इसको लेकर राज्य के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने चंडीगढ़ में अधिकारियों की बैठक ली। बता दें यह शहीद स्मारक सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा स्थापित किया जा रहा हैं। यह शहीद स्मारक 22 एकड़ भूमि में स्थापित होगा।

विज ने निर्देश दिए कि स्मारक के निर्माण कार्य में और गति लाई जाए ताकि यह स्मारक आगंतुकों के लिए जल्द शुरू हो सके। शहीद स्मारक एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा जो संभवत: देश का सबसे बड़ा व आधुनिक तकनीक से लैस शहीद स्मारक होगा। शहीद स्मारक को स्थापित करने के संबंध में इतिहास की पुख्ता वस्तुओं व कहानियों को दिखाने के लिए 1857 से संबंधित इतिहासकारों की एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें वे अपने-अपने अध्ययन के अनुसार जो सुझाव देंगें, उन्हें स्मारक में विभिन्न कलाकृतियों, आर्ट, लाइट एंड साउंड इत्यादि के माध्यम से आंगुतकों के ज्ञान के लिए दर्शाया जाएगा। स्मारक में स्थापित किए जाने वाले संग्रहालय में इतिहास से जुड़ी पुख्ता कलाकृतियों का प्रदर्शन होगा।

तीन चरणों में विकसित होगा शहीद स्मारक

बैठक में बताया गया कि शहीद स्मारक तीन चरणों में विकसित होगा। पहले चरण के तहत अंबाला में 1857 की क्रांति कब शुरू हुई थी, कहां से शुरू हुई थी, उसका इतिहास दिखाया जायेगा। दूसरे चरण में हरियाणा में 1857 की क्रांति कहां-कहां लड़ी गई, उसका वर्णन किया जायेगा और तीसरे चरण में हिन्दुस्तान में कहां-कहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई, झांसी की रानी, बहादुरशाह जफर के साथ-साथ अन्य क्रांतिकारियों ने अपनी क्या-क्या भूमिका निभाई, उसका भी वर्णन किया जाएगा। यह स्मारक अपनी तरह का आधुनिक तकनीक से लैस स्मारक होगा जिसमें आज की आधुनिक डिजीटल तकनीक का इस्तेमाल इतिहास को दिखाने के लिए किया जाएगा।

आजादी की पहली लड़ाई के दृश्य होंगे

स्मारक में डिजीटल संकल्प स्तंभ की भी स्थापना की जाएगी ताकि आने वाले लोग देशभक्ति के प्रति एक संकल्प लेकर जाएं। इसी प्रकार, देश-विदेश के चित्रकारों के दुर्लभ चित्र भी स्मारक के दीवारों पर होंगें जिसमें आजादी की पहली लड़ाई के दृश्य होंगें।

ओपन एयर थियेटर भी बनाया जाएगा

स्मारक में ओपन एयर थियेटर भी बनाया जा रहा है जिसमें राज्य सरकार की उपलब्धियां दिखाई जाएंगी और लाइट एंड साऊंड शो का भी प्रविधान होगा। बैठक में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा. अमित अग्रवाल, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक कुलदीप सैनी उपस्थित थे।

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