कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय दोबारा लेगा पीएचडी की प्रवेश परीक्षा, जानिये क्या है मामला

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पिछले साल एआइएच विभाग में पीएचडी की सात सीटों पर दाखिले के लिए परीक्षा ली गई थी। फेल विद्यार्थियों ने आठ प्रश्नों के जवाब सही होने का दावा किया था। इसके बाद परीक्षा रद कर दी गई थी। अब 9 अप्रैल को दोबारा परीक्षा होगी।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 03 Apr 2021 02:51 PM (IST) Updated:Sat, 03 Apr 2021 02:51 PM (IST)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय दोबारा लेगा पीएचडी की प्रवेश परीक्षा, जानिये क्या है मामला
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एआइएच विभाग में साल 2019-20 की सीटों के लिए दोबारा परीक्षा होगी।

कुरुक्षेत्र, जेएनएन। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास, सांस्कृतिक एवं पुरातत्व विभाग में पीएचडी प्रवेश परीक्षा नौ अप्रैल को लेगा। यह परीक्षा पिछले दिनों खामी मिलने पर रद कर दी थी। अब उन्हीं सीटों के लिए परीक्षा होगी। प्रवेश परीक्षा के 22 अप्रैल को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इसके बाद पीएचडी कोर्स वर्क के लिए 11 मई से कक्षाएं शुरू की जाएंगी। कुवि के इस फैसले से दाखिले से वंचित युवाओं ने राहत की सांस ली है।

गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एआइएच विभाग में गत वर्ष पीएचडी की सात सीटों पर दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा ली थी। इस परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद शोधार्थियों को दाखिले भी दिए गए, लेकिन कुछ दिनों बाद दाखिलों से वंचित रहे परीक्षार्थियों ने आंसर-की में गलत दिखाए गए आठ सवालों के जवाब सही होने का दावा किया था। इसको लेकर कुलपति कार्यालय पर प्रदर्शन तक किए गए। इसके बाद कुवि प्रशासन की ओर से कमेटी गठित कर परीक्षा परिणाम को रद कर दिया था।

विद्यार्थियों ने की थी भूख हड़ताल

दूसरी बार परिणाम घोषित होने पर कुछ अन्य परीक्षार्थियों को भी दाखिले का मौका मिला। ऐसे में दाखिले से वंचित हुए परीक्षार्थियों ने कुलपति कार्यालय पर भूख हड़ताल शुरू कर दी। कुवि प्रशासन ने मामले को बढ़ता देख परीक्षा को रद कर दिया था। अब उन्हीं सात सीटों के लिए दोबारा प्रवेश परीक्षा ली जाएगी। कुवि के पीआरओ डा. दीपक राय बब्बर ने बताया कि परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

अदालत में भी चल रहा मामला

परीक्षा परिणाम रद होने के बाद दाखिले से वंचित तीन परीक्षार्थियों ने इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कुवि की गलती पर उन्हें दाखिले से वंचित न किए जाने की मांग की थी। अभी इस केस में सुनवाई चल रही है।

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