50 साल से अधिक आयु के लोगों का डाटा जुटाएगा स्वास्थ्य विभाग

बैठक में सिविल सर्जन ने गर्भवती महिलाओं शून्य से पांच साल की आयु के बच्चों का टीकाकरण17 जनवरी से शुरू होने वाले तीन दिवसीय पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान पर चर्चा की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 07:02 AM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 07:02 AM (IST)
50 साल से अधिक आयु के लोगों का डाटा जुटाएगा स्वास्थ्य विभाग
50 साल से अधिक आयु के लोगों का डाटा जुटाएगा स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोविड-19 टीकाकरण के संबंध में शनिवार को सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने सीएचसी के सीनियर मेडिकल आफिसर (एमएसओ) और पीएचसी के स्वास्थ्य अधिकारी (एमओ) की बैठक ली। निर्देश दिए कि अपने क्षेत्र में 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 50 साल तक की आयु के गंभीर रोगियों का डाटा जुटाएं। आशा वर्कर्स इस कार्य में मदद करेंगी।

बैठक में सिविल सर्जन ने गर्भवती महिलाओं, शून्य से पांच साल की आयु के बच्चों का टीकाकरण,17 जनवरी से शुरू होने वाले तीन दिवसीय पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान पर चर्चा की। चिकित्सकों को ई-संजीवनी एप के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि सीएचसी व पीएचसी का स्टाफ ई-संजीवनी एप के विषय में जनमानस को जागरूक करें। आशा-आंगनबाड़ी वर्कर्स, एएनएम की मदद ली जा सकती है।

बैठक के बाद सिविल सर्जन ने बताया कि ड्राई रन और टीकाकरण की पूरी तैयारी है। डीप फ्रीजर और आइलाइनर इंस्टाल किए जा रहे हैं। वैक्सीन और अधिसूचना जारी होने का इंतजार है। बैठक में डा. मनीष पासी, डा. कर्मवीर चोपड़ा, डा. रिकू सांगवान मौजूद रहे।

ऐसे होगा टीकाकरण

पहले चरण में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े 6500 हेल्थ वर्कर्स को कोविड-19 का टीका लगेगा। दूसरे चरण में पुलिस-प्रशासन, नगर निगम व जन स्वास्थ्य विभाग आदि के कर्मचारियों को वैक्सीन दी जाएगी। 50 वर्ष से अधिक आयु और गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों का नंबर तीसरे चरण में आएगा। चौथे चरण में 50 साल से कम आयु के लोगों को टीका लगेगा। सरकार की निर्देशानुसार बदलाव संभावित है।

गोल्डन कार्ड के लिए आशा करेंगी जागरूक

सिविल सर्जन ने बैठक में कहा कि आयुष्मान भारत योजना के गोल्डन कार्ड बनने की गति बहुत धीमी है। आशा वर्कर्स पहले से चल रहे कार्यो के साथ लोगों को जागरूक करें कि अपने कार्ड जल्द बनवाएं। बता दें कि जिले में करीब 2.71 लाख गोल्डन कार्ड बनने हैं। अभी तक 40.14 फीसद ने ही कार्ड बनवाया है। जिले के आठ सरकारी और 34 प्राइवेट अस्पताल पैनल पर हैं। अब तक लगभग 10 हजार पात्र 11 करोड़ 27 लाख 75 हजार 613 रुपये का निश्शुल्क इलाज करा चुके हैं।

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