एक करोड़ देकर एनएचएम कर्मियों की नौकरी करवा रहे पक्की, सरकार से भी बातचीत का दावा

एनएचएम कर्मियों से इकट्ठा किए 5-5 हजार रुपये के ऑडियो में सरकार का नाम सामने आने से हड़कंप मच गया है। मामले का पर्दाफाश हुआ तो एनएचएम यूनियन ने संघ पर ठीकरा फोड़ दिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 09 Mar 2019 12:56 PM (IST) Updated:Sun, 10 Mar 2019 10:56 AM (IST)
एक करोड़ देकर एनएचएम कर्मियों की नौकरी करवा रहे पक्की, सरकार से भी बातचीत का दावा
एक करोड़ देकर एनएचएम कर्मियों की नौकरी करवा रहे पक्की, सरकार से भी बातचीत का दावा

पानीपत/अंबाला [हरीश कोचर]। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत प्रदेशभर में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों से उनकी नौकरी नियमित कराने व अन्य मांगों को सरकार से पूरा कराने के लिए 5-5 हजार रुपये एकत्र किए जा रहे हैं। करीब एक करोड़ रुपये एकत्रित करके किसी संस्था से जुड़े एक विशेष व्यक्ति को दिए जाने हैं और वह उनकी मांगे सरकार से पूरी कराएगा। 

इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब कर्मचारियों से रुपये एकत्र करने की अलग-अलग जिलों की कुछ ऑडियो दैनिक जागरण के पास पहुंची। शुक्रवार शाम तक आयुष वाले कर्मचारियों से भी रुपये एकत्रित किए गए। 

इस तरह मांगे जा रहे रुपये 
दरअसल एनएचएम के तहत प्रदेशभर के प्राथमिक, सामुदायिक और नागरिक अस्पतालों में हजारों की संख्या में एएनएम, स्टाफ नर्स, एंबुलेंस ड्राइवर, ईएमटी समेत अन्य कई पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं। इन कर्मियों को अभी तक न तो सातवां वेतन आयोग के तहत वेतन मिला है, न ही नियमित किया गया है। पिछले कई महीनों से रुके वेतन का भी भुगतान नहीं हुआ है। कुछ दिनों से हरियाणा एनएचएम कर्मचारी संघ के पदाधिकारी प्रदेशभर में इन कर्मियों से 5-5 हजार रुपये एकत्रित कर रहे हैं। कुछ कर्मियों से तो 10 हजार रुपये तक मांगे गए हैं। उनको बताया गया है कि एक संस्था से जुड़ा विशेष व्यक्ति सरकार से उनकी मांगें जल्द से जल्द पूरी करा देगा। इन लंबित मांगों के अलावा 22 दिन हड़ताल में शामिल होने पर नहीं मिलने वाला वेतन भी दिलाने की बात कही गई है। शुक्रवार शाम तक करीब एक करोड़ रुपये एकत्रित करके विशेष व्यक्ति को दिए जाने थे। 

वायरल हुई ऑडियो में हुआ खुलासा 
संघ सदस्य: आपने अभी तक रुपये नहीं दिए। 
कर्मचारी: यह रुपये किस बात के लिए मांगे जा रहे हैं। हमें तो अभी इस बार में पता ही नहीं है। 
संघ सदस्य: आपको बता तो दिया था कि एक व्यक्ति के जरिए सरकार को एक करोड़ रुपये दिए जाने हैं। यह रुपये दिए जाने के बाद ही आपकी सारी मांगे पूरी की जाएगी। 
कर्मचारी: लेकिन कोई व्यक्ति हमसे रुपये करके सरकार से हमारी मांगे कैसे पूरी करवा सकता है।
संघ सदस्य: उस विशेष व्यक्ति की सरकार के साथ अच्छी बातचीत है और वह हमारी सारी मांगे पूरी करवा देगा। सरकार की कैबिनेट मीटिंग होनी है और रुपये दिए जाने के बाद ही सरकार हमारी मांगे पूरी करेगी। उसके बिना हमारी कोई भी मांग पूरी नहीं होने वाली है। 
कर्मचारी: लेकिन हम रुपये कहां से दें, तीन महीने से तो वेतन तक नहीं मिला है।
संघ सदस्य: कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा। घर का खर्च चलाने के लिए भी तो जुगाड़ करते हैं तो अब अपनी नौकरी रेगुलर करने के लिए हमें किसी न किसी तरह से तो एक करोड़ रुपये एकत्रित करके उस व्यक्ति को देने हैं। रुपये देने में सिर्फ एक दिन बाकि रह गया है। 
कर्मचारी: अभी तो रुपये नहीं है लेकिन मुझे रुपये देने के लिए कम से एक-दो दिन का टाइम चाहिए। मैं अपने हिस्से के पांच हजार रुपये दे दूंगा। 

एनएचएम वाले रुपये इकट्ठा कर हैं 
मेरे पास भी सूचना आई थी कि एनएचएम कर्मचारियों से 500, 1000 और 5000 रुपये इकट्ठा किए जा रहे हैं। मैंने इसको लेकर सभी कर्मियों को आगाह किया कि कोई भी व्यक्ति रुपये न दें। एनएचएम के कुछ लोग जॉब सिक्योरिटी के नाम पर प्रदेशभर के सभी जिलों में कर्मियों से रुपये इकट्ठा करके अपनी जेबें भर रहे हैं। यह लोग केवल सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। 
विजय कंबोज, प्रदेशाध्यक्ष, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ। 

पुलवामा शहीदों के परिजनों की मदद के लिए 20 लाख दिए 
हमने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों को आर्थिक तौर पर मदद के लिए सरकार को 20 लाख रुपये का चेक दिया है। हमारे पास फंड की कमी थी इसी कारण हमने रुपये मांगे थे। हमने तो केवल देशहित के लिए काम किया है लेकिन दूसरा गुट स्वास्थ्य कर्मचारी संघ रुपये इकट्ठा करने बारे में हमारे खिलाफ अफवाह फैला रहा है। हमने तय किया था कि प्रति व्यक्ति 500 रुपये लेंगे लेकिन उस वक्त हमने एक व्यक्ति से रुपये ले लिए थे और अब उसे रुपये भी तो वापस करने थे। रुपये इकट्ठा करने के दौरान किसी ने ज्यादा तो किसी ने कम दिए थे। 
हरिंद्र सिंह, सचिव, एनएचएम कर्मचारी संघ, अंबाला। 

एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप 
वहीं जब दैनिक जागरण न इस मामले की पड़ताल की तो एनएचएम संघ के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने तो केवल पुलवामा हमले के बाद सैनिक राहत कोष में आर्थिक मदद के तौर पर मुख्यमंत्री को 20 लाख रुपये का चेक दिया है। हमारे खिलाफ रुपये एकत्रित करने की यह झूठी अफवाह भारतीय मजदूर संघ से संबंधित स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने फैलाई है। जब स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सदस्यों से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि जल्द ही आचार संहिता लगने वाली है। इसी कारण यह लोग कर्मचारियों से 5 से 10 हजार रुपये इकट्ठा करके एक करोड़ रुपये जुटाकर अपनी जेबें भरना चाहते है। हमारे पास दूसरे जिलों से भी रुपये मांगने संबंधित कई बार फोन आए तो हमने उन्हें रुपये देने से इंकार किया। हम सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले की जांच करवाई जाए क्योंकि एनएचएम संघ के सदस्य रुपये इकट्ठा कर सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। 

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