कोरोना के डर से अर्थी को नहीं मिले थे चार कंधे, डीसी बोलीं-सॉरी, अब ऐसा नहीं होगा

पानीपत में कोरोना आशंकित युवक के शव को कंधा देने वाले चार लोग नहीं मिले थे। जागरण ने उठाया था सवाल। कोरोना संक्रमित किसी व्यक्ति की मौत होने पर प्रशासन अंतिम संस्कार में करेगा मदद

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 05 Apr 2020 12:20 PM (IST) Updated:Sun, 05 Apr 2020 12:20 PM (IST)
कोरोना के डर से अर्थी को नहीं मिले थे चार कंधे, डीसी बोलीं-सॉरी, अब ऐसा नहीं होगा
कोरोना के डर से अर्थी को नहीं मिले थे चार कंधे, डीसी बोलीं-सॉरी, अब ऐसा नहीं होगा

पानीपत, जेएनएन। कोरोना वायरस या संक्रमण से आशंकित किसी व्यक्ति की मौत होने पर अंतिम संस्कार में अब प्रशासन परिवार की मदद करेगा। पीपीई किट पहनने के साथ-साथ अन्य बचाव के तरीके अपनाकर शव को कंधा देने वाले भी होंगे। परिवार के साथ बर्ताव भी ठीक रखा जाएगा।

बता दें कि दैनिक जागरण ने 3 अप्रैल के अंक में लॉकडाउन से रिश्ते लॉक, ... टूट रही अंतिम रस्म की डोर शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसमें बताया था कि सेक्टर 13-17 के 29 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी।

आशंका थी कि युवक की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है। श्मशान भूमि में युवक के शव को कंधा देने वाले लोग नहीं थे। पुलिस व सामान्य अस्पताल स्टाफ दूर खड़ा था। पिता व भाई ने कंधा दिया था। पिता के कांपते हाथों से शव छिटक कर जमीन पर गिर गया था। पिता को बेटे की मौत का गम था और अव्यवस्था से वे आहत थे।

इस समाचार का संज्ञान लेते हुए डीसी हेमा शर्मा ने कहा कि उन्हें दुख है कि युवक के शव को चार लोग भी कंधा देने वाले नहीं थे। इसके लिए सॉरी। वह दूसरे लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकतीं। भविष्य में ऐसा किसी के साथ न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। अंतिम संस्कार में दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।

मेरे स्वजन नाराज पर करता रहूंगा मदद : गुलाटी    

वाहन से युवक के शव को श्मशान भूमि तक पहुंचाने वाले जन सेवा दल के सचिव चमन गुलाटी ने बताया कि वह अंतिम संस्कार के बाद घर लौटे तो स्वजन व रिश्तेदार नाराज हो गए। कहने लगे कि अपनी नहीं तो परिवार के जीवन को ङ्क्षचता करो। शव वाहन चलाने वाला कोई नहीं था। वह भी ऐसा नहीं करता तो युवक के शव का अंतिम संस्कार कैसे हो पाता। वह भविष्य में भी मदद करता रहेगा।

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