बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए लाठीचार्ज में किसानों ने प्रशासन को दिया अल्टीमेटम, करनाल पुलिस अलर्ट मोड पर
किसानों में लाठीचार्ज प्रकरण के बाद किसानों ने प्रशासन को 7 सितंबर को अनिश्चित काल के लिए जिला सचिवालय घेराव करने का अलटीमेटम दिया है। जिसके चलते पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गई है। वहीं शनिवार को पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार अग्रवाल भी जिला सचिवालय पहुंचे।
करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल में बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए लाठीचार्ज प्रकरण के बाद किसानों ने प्रशासन द्वारा मांगे न माने जाने पर 7 सितंबर को अनिश्चित काल के लिए जिला सचिवालय घेराव करने की चेतावनी दी है। जिसकी हर स्थिति से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गई है। वहीं शनिवार को पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार अग्रवाल भी जिला सचिवालय पहुंचे। यहां उन्होंने अभी के हालात पर करनाल रेंज पुलिस अधिकारियों से बैठक कर चर्चा की तो वहीं अगले हालात में निपटने को लेकर प्रबंधों की चर्चा की।
किसी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा
इस दौरान पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार अग्रवाल कहा कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। शांति से हर कोई अपना विरोध जता सकता है, लेकिन उपद्रव करने पर सख्ती से निपटा जाएगा। आगामी दिनों में भी हालात से निपटने के लिए पुलिस पुख्ता प्रबंध करेगी। किसानों द्वारा पुलिस अधिकारियों पर लगाए जा रहे आरोपों के चलते कार्रवाई पर डीजीपी ने कहा कि इस मामले पर जिला उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक लगातार समीक्षा कर रहे हैं। वहीं उन्होंने किसानों से भी अपील की है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से ही अपना विरोध करें। कानून व्यवस्था को किसी भी स्तर पर न खराब करें।
डीजीपी ने पुलिस जवानों से दिया गया गार्ड ऑफ ओनर
जिला सचिवालय पहुंचने ही डीजीपी को पुलिस जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ओनर दिया गया। जिसके बाद जिला सचिवालय के सभागार में करनाल रेंज के जिले करनाल, पानीपत व कैथल की कानून और व्यवस्था व अपराध नियंत्रण को लेकर बैठक में समीक्षा की। बैठक में आइजी ममता सिंह, जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक करनाल गंगाराम पूनिया, पुलिस अधीक्षक पानीपत शशांक कुमार सावन, कैथल के पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह व पानीपत जिले की एएसपी पूजा वशिष्ठ मौजूद रहीं। बैठक में रेंज के जिलों की लॉ एंड आर्डर व्यवस्था, अपराध नियंत्रण व किसान आंदोलन के मध्यनजर जिलों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गहणता से मंत्रणा की गई।
डीजीपी ने पहली बार स्थानीय स्तर पर आकर पुलिस कर्मियों का जाना दर्द
डीजीपी पीके अग्रवाल ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पुलिस कर्मियों का दर्द भी जाना। रेंज के तीनों जिला के हवलदार से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के 42 पुलिसकर्मियों ने अपनी-अपनी समस्याएं रखी। इनमें करनाल के 17, पानीपत के 12 व कैथल के 13 पुलिसकर्मी शामिल रहे। पुलिसकर्मियों की अधिकतर समस्याओं में तबादले की ही सामने आई। डीजीपी ने तत्काल ही संबंधित अधिकारियों को इन पुलिसकर्मियों की समस्याओं का समाधान करने के आदेश दिए। इससे कर्मचारियों के चेहरे खिल गए। यह पहली बार मौका था कि डीजीपी ने स्थानीय स्तर पर आकर पुलिसकर्मियों का दर्द जाना तो उसके समाधान के लिए भी आदेश दिए।