घोषणा के एक साल बाद ही सही, सिविल अस्पताल में मिलेगी ई-उपचार सुविधा

प्रदेश सरकार ने सिविल अस्पताल में ई-उपचार की सुविधा देने की घोषणा के एक साल बाद योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है।

By Edited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 11:47 AM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 01:24 PM (IST)
घोषणा के एक साल बाद ही सही, सिविल अस्पताल में मिलेगी ई-उपचार सुविधा
घोषणा के एक साल बाद ही सही, सिविल अस्पताल में मिलेगी ई-उपचार सुविधा

पानीपत, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने सिविल अस्पताल में ई-उपचार की सुविधा देने की घोषणा की थी। दवा पर्ची गुम भी हो जाए तो भी मरीज अपना यूनिक आइडी नंबर बताकर, राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में इलाज करा सकेगा। घोषणा के एक साल बाद ही सही, प्रक्रिया शुरू हो गई है।

अस्पताल के बेसमेंट में लगभग 74 कंप्यूटर लगेंगे। हर कंप्यूटर में क्लाउड बेस्ड हॉस्पिटल मैनेजमेंट एंड सिस्टम का सॉफ्टवेयर अपलोड होगा। जनवरी 2018 में तत्कालीन एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अमित झा ने सिविल अस्पताल के ओपीडी ब्लॉक का निरीक्षण किया था। उस दौरान उन्होंने अस्पताल में ई-उपचार दिशा में काम करने के निर्देश तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. संतलाल वर्मा और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आलोक जैन को दिए थे। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में ई-उपचार सुविधा की घोषणा कर चुके थे। प्रदेश सरकार ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। योजना के नोडल अधिकारी डॉ. भवनीश अरोड़ा के नेतृत्व में टीम अस्पताल में अपने लिए जगह देख चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि इस माह के अंत तक मरीजों को ई-उपचार सुविधा मिलनी शुरु हो जाएगी।  

पेपर लेस होगा काम
ई-उपचार सेवा का सबसे बड़ा लाभ कि स्वास्थ्य विभाग का बड़ा काम पेपर लेस हो जाएगा। बाह्य रोगी और भर्ती होने वाले मरीजों का नाम-पता, बीमारी, प्रदान किया गया इलाज आदि सॉफ्टवेयर में अपलोड होगा। मरीज घर बैठे ई-अपॉइंटमेंट की सुविधा होगी। डॉक्टरों, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट आदि की उपस्थिति और दवा स्टॉक की डिटेल एक क्लिक पर मिलेगी।

मरीज को कराना होगा ई-रजिस्ट्रेशन
क्लाउड बेस्ड हॉस्पिटल मैनेजमेंट एंड सिस्टम के जरिए मरीज की पर्ची पर यूएचआइडी (यूनिक हेल्थ आइडेंटिटी रिकॉर्ड) और ईएचआर (इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकार्ड) नंबर दिए जाएंगे। दोनों 10 डिजिट में होंगे। किसी मरीज से दवा पर्ची गुम हो जाती है तो उसे अपना यूनिक आइडी नंबर बताना होगा। सॉफ्टवेयर पर नंबर डालते ही मरीज का पूरा डाटा कंप्यूटर की स्क्रीन पर दिखने लगेगा।

टीम की ओर से नहीं मिली रिपोर्ट
ई-उपचार की दिशा में प्रदेश सरकार गंभीर है। ऑनलाइन सिस्टम के लिए टीम को बेसमेंट में जगह दिखाई गई है। अभी टीम की ओर से ओके रिपोर्ट नहीं मिली है। नोडल अधिकारी तो रिमाइंडर भेजा जाएगा, ताकि इस माह के अंत या दिसंबर के पहले सप्ताह में सुविधा शुरु हो सके। - डॉ. अमित, डिप्टी एमएस-सिविल अस्पताल।

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